संसद मानसून सत्र 2023: मणिपुर मुद्दे पर सरकार संसद में चर्चा को तैयार, फिर क्यों है गतिरोध बरकरार?
मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।
Parliament Monsoon Session 2023: संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है। संसद में पिछले तीन दिनों से मणिपुर मुद्दे पर गतिरोध जारी है। विपक्ष लगातार मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहा है, तो वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं होने देना चाहता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि वह मणिपुर में हिंसा पर बहस के लिए तैयार हैं और उन्होंने विपक्षी नेताओं से इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया। दोपहर के भोजन के बाद के सत्र के दौरान लोकसभा में एक संक्षिप्त बयान में अमित शाह ने कहा कि मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं। मुझे नहीं पता कि विपक्ष चर्चा क्यों नहीं होने देना चाहता।
अमित शाह ने विपक्ष से की ये अपील
अमित शाह ने कहा कि मेरी विपक्षी नेताओं से अपील है कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होने दें और इस मामले की सच्चाई देश के सामने रखें। यह बहुत महत्वपूर्ण है। बता दें कि मणिपुर में 4 मई को भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं के साथ क्रूरता का एक वीडियो सामने आया था जिसके बाद देशभर में आक्रोश फैल गया।
20 मई को सत्र शुरू होने के बाद से विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। साथ ही विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर सदन में बोलें। उधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सोमवार को विपक्षी सदस्यों से मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संबंधित विभाग के मंत्री बहस में भाग लेते हैं। नई परंपराएं स्थापित करने के लिए कहना और सदन को योजनाबद्ध तरीके से नहीं चलने देना राष्ट्रीय हित में नहीं है। स्पीकर के इस बयान के बाद भी विपक्ष नहीं झुका और कई सदस्य मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए सदन के वेल में नारे लगाने लगे।
खड़गे की मांग- पीएम मोदी सदन के अंदर मणिपुर मुद्दे पर बोलें
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि पीएम सदन के अंदर मणिपुर मुद्दे पर बोलें। उन्होंने कहा कि संसद चल रही है। यह आपका (प्रधानमंत्री) कर्तव्य है कि पहले संसद सदस्यों को सूचित करें फिर जनता को। मान लीजिए, अगर संसद वहां नहीं होती, सत्र नहीं होता, तो आप (प्रधानमंत्री) बाहर बोल सकते थे... लेकिन संसद के दरवाजे पर आपको बोलना ही होगा।
वहीं, सत्र शुरू होने के बाद से ही सरकार इस बात पर अड़ी है कि संसद में मणिपुर पर पीएम नहीं बल्कि गृह मंत्री बोलेंगे। लोकसभा के उपनेता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "मणिपुर की घटना निश्चित रूप से बहुत गंभीर मामला है और स्थिति की गंभीरता को महसूस करते हुए, पीएम ने खुद कहा है कि राज्य में जो हुआ उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है।"
पीएम मोदी ने संसद सत्र के बाहर मणिपुर मुद्दे पर दी थी प्रतिक्रिया
मानसून सत्र के पहले दिन संसद के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटना पर दर्द और गुस्सा व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि आज जब मैं लोकतंत्र के मंदिर में आपके बीच खड़ा हूं, तो मेरा दिल मणिपुर की घटना पर दुख और गुस्से से भर गया है। यह घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक कृत्य है। इस पाप को करने वाले, अन्याय करने वाले, कोई भी हों, कितने थे, ये एक तरफ की बात है। लेकिन, पूरा देश शर्मिंदा महसूस कर रहा है।
मोदी ने कहा कि 1.4 अरब लोग शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से राज्यों में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि चाहे घटना राजस्थान, छत्तीसगढ़ या मणिपुर में हो, भारत के किसी भी कोने में हो, किसी भी राज्य सरकार में हो, राजनीतिक विवादों से ऊपर उठकर कानून के शासन और महिलाओं के सम्मान के महत्व को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस देश के नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी गलत काम करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ''पूरी ताकत से कानून को मजबूती से सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।''
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.