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देश के पेमेंट सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव! RBI की डिजिटल करेंसी का हिस्सा बनेंगे गूगल, अमेजन और वॉलमार्ट? 

Google Amazon Walmart wants to join RBI's Digital Currency: RBI ने डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दे रखी है। ऐसे में गूगल, अमेजन और वॉलमार्ट समेट पांच कंपनियां भी इस नए पेमेंट सिस्टम का हिस्सा बनना चाहती हैं।

Digital Currency RBI: Pic Credit - Google
Google Amazon Walmart wants to join RBI's Digital Currency: गूगल, अमेजन पे, फोन पे और वॉलमार्ट का नाम टॉप 5 पेमेंट कंपनियों लिस्ट में शुमार है। सभी कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के पायलट प्रोजेक्ट 'डिजिटल करेंसी' का हिस्सा बनने की इच्छा जताई है। खबरों की माने तो गूगल, अमेजन और वॉलमर्ट सीधे तौर पर RBI से बात कर रहें हैं। इसके अलावा इंडियन फिनटेक फर्म और मोबिक्विक भी RBI के साथ संपर्क में हैं।

डिजिटल करेंसी की शुरुआत

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ई-रुपया के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये फिजिकल करेंसी का एक डिजिटल विकल्प बनने जा रहा है। RBI ने 2022 दिसंबर में डिजिटल करेंसी की शुरुआत की थी। कई देशों में डिजिटल करेंसी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे देखते हुए RBI ने भी इस पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी।

कोविड लॉकडाउन के बाद बढ़ा डिजिटल पेमेंट

कोरोना काल के बाद देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलने लगा है। बड़ी संख्या में लोगों ने UPI का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। गूगल और अमेजन इसके खास प्लेयर माने जाते हैं। भारत में कई लोग गूगल पे और अमेजन पे की मदद से पैसों का लेन-देन करते हैं।

RBI की मंजूरी जरूरी

दिसंबर 2022 में RBI ने डिजिटल करेंसी की शुरुआत करते हुए सिर्फ बैंकों को इसे इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था। मगर अप्रैल में RBI ने कहा कि दूसरे पेमेंट सिस्टम भी डिजिटल करेंसी यूज कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें RBI से मंजूरी लेना आवश्यक होगा।

4-5 महीने में मिलेगी मंजूरी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पेमेंट कंपनियां RBI और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ संपर्क में है। खबरों के अनुसार तो अगले 4-5 महीने में इन कंपनियों को ई-रुपया इस्तेमाल करने की इजाजत मिल सकती है। हालांकि RBI या किसी भी कंपनी ने इस मामले पर अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है।

5 प्लेटफॉर्म से होता है 85 प्रतिशत पैसों का लेनदेन

बता दें कि देश के कुल डिजिटल पेमेंट का 85 प्रतिशत इन पांच कंपनियों गूगल, अमेजन, वॉलमार्ट, मोबिक्विक और इंडियन फिनटेक फर्म के द्वारा किया जाता है। आंकड़ों की मानें तो UPI से हर महीने 13 बिलियन ट्रांजैक्शन होते हैं। हालांकि अगले कुछ सालों तक डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ही चलाया जाएगा लेकिन अगर RBI का प्लान सफल रहा तो देश के पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह भी पढ़ें- ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 क्या? आतंकियों के खात्मे की 20 साल पुरानी कहानी


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