Goa Arpora nightclub fire inside story: गोवा के अरपोरा नाइट क्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत कैसे हुई? चाहे वो क्लब का एंट्री-एग्जिट गेट का तंग होना हो, जिससे डांस कर रहे लोगों की भीड़ बाहर न निकल पाई हो, संकरा रास्ता हो, जिससे फायर बिग्रेड समय पर पहुंच न पाई हो या नाइट क्लब के निर्माण में लगे ताड़ के पत्ते हों, जिसने आग में घी का काम किया और वो पूरे क्लब में फैल गई. इतने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के बाद भी यह नाइट क्लब कैसे चलता रहा, यह सवाल उठेंगे. साथ ही आग लगने की असली वजह भी अभी तक सामने नहीं आ पाई है.
आग को लेकर क्या कहती है पुलिस?
गोवा पुलिस के मुताबिक, गोवा के अरपोरा नाइट क्लब में आग रविवार आधी रात के कुछ ही देर बाद लगी. मरने वाले 25 लोगों में चार पर्यटक और 14 नाइट क्लब के कर्मचारी शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब लोग आग से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे तो अफरा-तफरी मच गई. एंट्री-एग्जिट गेट तंग था, जिससे पर्यटक क्लब से बाहर आसानी से नहीं निकल पाए और कैजुलिटी बढ़ गई. ज़्यादातर मौतें दम घुटने से हुईं. वीकेंड के कारण नाइट क्लब खचाखच भरा था और डांस फ्लोर पर लगभग 100 लोग मौजूद थे. कुछ ही क्षणों में, ताड़ के पत्तों से बने अस्थायी ढांचों ने आग को और तेज़ कर दिया, जो आसानी से आग पकड़ सकते थे.
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फायर टीम के कर्मचारियों की बात सुनें
अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि नाइट क्लब के लेआउट ने भ्रम की स्थिति को बढ़ाया. सीमित पहुंच के कारण बचावकर्मी घटनास्थल पर देरी से पहुंचे. आग पर काबू पाने के प्रयास और जटिल हो गए. नाइट क्लब बैकवाटर के किनारे स्थित है और वहां केवल एक ही संकरे रास्ते से पहुंचा जा सकता है, जिसके कारण अग्निशमन वाहनों को लगभग 400 मीटर दूर पार्क करना पड़ता है और बचाव कार्य में देरी होती है.
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गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत क्या बोले
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, आग ऊपरी मंजिल पर लगी थी. कुछ लोग भीड़भाड़ वाले निकास द्वारों से बच निकलने में कामयाब रहे, लेकिन आग के तेज़ होने के कारण कई लोग बाहर नहीं निकल पाए. अंडरग्राउंड क्षेत्र की ओर भागे कई पर्यटकों की मौत खराब वेंटिलेशन के कारण दम घुटने से मौत हो गई. घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जांच की जाएगी कि अग्नि सुरक्षा और निर्माण मानदंडों का पालन किया गया था या नहीं.
सभी नाइट क्लबों का अग्नि सुरक्षा ऑडिट होगा
कलंगुट विधायक माइकल लोबो ने कहा कि पंचायतें अब सभी नाइट क्लबों का अग्नि सुरक्षा ऑडिट करेंगी और सोमवार को उन्हें आवश्यक सुरक्षा मंज़ूरी लेने के लिए नोटिस जारी करेंगी. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि जो प्रतिष्ठान इन शर्तों का पालन नहीं करेंगे, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अधिकारियों ने पहले अग्निशमन सेवा की पहुंच की कमी के बारे में चिंता जताई थी या क्लब को बड़ी भीड़ की मेजबानी करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.
अवैध रूप से निर्मित नाइट क्लब?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अरपोरा-नागोआ के सरपंच रोशन रेडकर ने कहा कि क्लब का ढांचा अवैध था. क्लब के खिलाफ शिकायतें मिलीं और जांच से पता चला कि उसके पास निर्माण लाइसेंस नहीं था. उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, हमने तोड़फोड़ का नोटिस जारी किया, लेकिन एक अपील के बाद आदेश पर रोक लगा दी गई. पंचायत के निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने पुष्टि की कि क्लब के पास आवश्यक अनुमतियां नहीं थीं. हालांकि पंचायत ने तोड़फोड़ का नोटिस जारी किया था, लेकिन बाद में पंचायत निदेशालय ने उस पर रोक लगा दी.
आग लगने का कारण क्या था?
गोवा पुलिस प्रमुख आलोक कुमार ने पीटीआई को बताया कि आग सिलेंडर फटने से लगी, लेकिन कई प्रत्यक्षदर्शी इस दावे से इनकार करते हैं. कुछ ने बताया कि आग पहली मंजिल पर लगी, जहां लगभग 100 पर्यटक नाच रहे थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आग की लपटें उठते ही अचानक अफरा-तफरी मच गई और वे बाहर भागे तो देखा कि पूरी इमारत आग की चपेट में आ गई है. विरोधाभासी बयानों के कारण, आग लगने का सही कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है.