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इन Gen-Z को विरासत में मिलेगी भारत की राजनीति! पार्टी लीक पर चलेंगे या बदलेंगे सियासी चाल

भारत की राजनीति अब बदल रही है। युवाओं नेताओं के साथ अब जेन-जी नेता भी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। कुछ उतर चुके हैं कुछ उतरने की तैयारी में हैं। हाल ही में सचिन पायलट के बेटे अरहान पायलट को रैली में देखा गया है। कई ऐसे चेहरे हैं जिन्हें विरासत में राजनीति मिल रही है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Gen-Z leaders Of India: हाल ही में नेपाल में हुए युवाओं के प्रदर्शन ने Gen-Z की चर्चा विश्व स्तर पर पहुंचा दी है। Gen-Z पर ज्यादा चर्चा होने के बाद जेन-जी का खानपान, पहनावा, रुचि, फिल्में, साहित्य समेत हर चीज पर खुलकर बात होने लगी, लेकिन अभी तक राजनीति इससे अछूती रही। ज्यादा जेन-जी राजनीति में रुचि रखते नहीं दिखाई देते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जेन-जी सोशल मीडिया पर तो सोशल कैंपेन में भाग लेते दिख जाते हैं लेकिन मैदानी मेहनत से कोषों दूर हैं। शायद जेन जी को राजनीति का वर्तमान तरीका पसंद नहीं आता हो।

भारत में कुछ ऐसे जेनजी (युवा) सामने आ रहे हैं जो मैदानी स्तर पर दिखने लगे हैं। राजनीति में इनकी रुचि की गारंटी तो नहीं दे सकते क्योंकि राजनीति इन्हें विरासत में मिल रही है। 26 दिसबंर को राजस्थान के जयपुर में अरावली पर्वतमाला बचाने के लिए NSUI ने एक रैली का आयोजन किया। इस रैली में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट के बेटे अरहान पायलट भी नजर आए। मैदान में उतरने से उनकी राजनीति में एंट्री की खबरें शुरू हो गईं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है।

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इससे पहले केंद्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेटा महाआर्यमन सिंधिया मप्र क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष हैं और लंबे समय से पिता के साथ मैदान में सक्रिय हैं। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बेटी अदिति यादव भी पिछले चुनावों में मां डिंपल यादव के लिए मैदान में प्रचार कर चुकी हैं। अब देखना है कि क्या ये जेन जी (युवा) राजनीति में आकर पार्टी या पिता की लीक पर ही चलेंगे या फिर जेन जी के लिए नए बदलाव करेंगे।

सचिन को पिछाड़ पाएंगे जूनियर पायलट?

राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट अब अपने बेटे अरहान पायलट को राजनीति सिखा रहे हैं। सचिन की तरह अरहान भी कम उम्र में राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। बीते कल जयपुर में अरावली बचाओ रैली में सचिन पायलट के साथ अरहान पायलट भी नजर आए। रैली में अरहान शर्त और बैग्गी जीन्स पहने नजर आए। रैली में अरहान ने बड़ा संदेश भी दिया। अरहान ने कहा कि सभी Gen-Z के लोग इस रैली में मौजूद हैं। अब देखना है कि कांग्रेस में वरिष्ठों को वरीयता की लीक से हटकर युवाओं को आगे लाने का, जेनजी के मुद्दे आगे रखने का प्रयास करेंगे या नहीं।

क्रिकेट एसोसिएशन से शुरू हुई महाआर्यमन की राजनीति

महाआर्यमन सिंधिया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे हैं। माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया का मप्र क्रिकेट एसोसिएशन में हमेशा से वर्चस्व रहा है। जेन जी पीढ़ी में अब महाआर्यमन सिंधिया भी क्रिकेट एसोसिएशन से राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। गत सितंबर में महाआर्यमन को मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। इससे पहले भी महाआर्यमन पहले भी कई राजनीतिक रैलियों में पिता के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं। महाआर्यमन युवाओं में अच्छी खासी पकड़ भी रखते हैं।

महिला शक्ति के हाथों में जाएगी सपा पार्टी?

यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 3 बच्चे हैं एक बेटा और 2 बेटी। बेटी अदिति चर्चा में तब आई जब पिछले लोकसभा चुनाव में मां डिंपल यादव के प्रचार के लिए मैदान में गईं थीं। वहीं बेटा अर्जुन और बेटी टीना यादव अभी राजनीति से काफी दूरी बनाए हुए हैं। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव ने बागडोर संभाली थी। अगर अखिलेश का बेटा अर्जुन ने राजनीति से दूरी बनाए रखी तो बेटी अदिति के बागडोर संभालने ज्यादा है। शायद अखिलेश इसी के लिए बेटी को तैयार कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी की ट्रेनिंग संभाली कांग्रेस?

प्रियंका गांधी के दो बच्चे हैं। बेटा रेहान राजीव वाड्रा और बेटी मिराया वाड्रा। वैसे को दोनों बच्चे राजनीति से दूर बताए जाते हैं लेकिन दोनों अपने मामा यानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा में भी शामिल हुए थे। इसके अलावा पिछले चुनाव में दोनों ने मां प्रियंका गांधी के मतदान में हिस्सा लिया था, तब लोगों से वोट डालने की भी अपील की थी। फिलहाल रेहान को वाइड फोटोग्राफी करना बेहद पसंद है। सोनिया गांधी के एक मात्र बेटे राहुल गांधी की अभी तक शादी नहीं हुई है, न ही राहुल शादी के मूड में नजर आते हैं। कांग्रेस में शुरुआत से ही परिवारिक राजनीति हावी रही है। अब राजनीति में अपना वंश बनाए रखने के लिए प्रियंका गांधी के दोनों बच्चों के राजनीति में आने की संभावना कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है।

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