G20 के डिनर इन्विटेशन पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा? कांग्रेस बोली- अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है
INDIA vs BHARAT Row: कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के डिनर इन्विटेशन पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है।
कांग्रेस के सीनियर नेता ने लिखा कि क्या ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन की ओर से 9 सितंबर को G20 डिनर आयोजित किया गया है। इसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि अब संविधान के आर्टिकल 1 को ऐसे पढ़ा जाएगा- भारत, जो इंडिया था, राज्यों का संघ है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्यों के समूह पर भी खतरा है।
इंडिया का नाम 'भारत' करने की मांग
बता दें कि भारत का संविधान वर्तमान में देश को 'इंडिया, यानी भारत' के रूप में संदर्भित करता है। 18-23 सितंबर को होने वाले संसद के विशेष सत्र से पहले, इसे केवल 'भारत' करने के लिए संशोधन करने की मांग बढ़ रही है। संसद के मानसून सत्र में भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने इस संबंध में मांग उठाई थी।
नरेश बंसल ने संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाने की मांग की थी और तर्क दिया था कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक गुलामी का प्रतीक है। अब भाजपा सांसद के साथी हरनाथ सिंह यादव ने उनकी मांग को जायज ठहराया है। हरनाथ सिंह यादव ने 'इंडिया' की जगह 'भारत' लिखने के लिए संवैधानिक संशोधन का आह्वान किया है।
भाजपा सांसद ने कहा कि पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें 'इंडिया' की जगह 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए... 'इंडिया' शब्द अंग्रेजों द्वारा हमें दी गई एक गाली है जबकि 'भारत' शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे संविधान में बदलाव होना चाहिए और इसमें 'भारत' शब्द जोड़ा जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के चीफ ने भी उठाई थी मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने इस बदलाव की मांग के लिए अपना समर्थन जताया है। भागवत ने देश के लोगों से इंडिया के बजाए भारत शब्द का उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश को सदियों से भारत के रूप में जाना जाता है।
कहा जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र में इस बदलाव की मांग को पूरा करने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। फिलहाल, स्पेशल सत्र का एजेंडा जारी नहीं किया गया है।
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