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G 20 Summit: कौन हैं ये चार अधिकारी जिन्होंने असंभव को बनाया संभव और समय से पहले जारी हो गया ‘दिल्ली घोषणा पत्र’

G 20 Summit 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी 20 के 18वें शिखर सम्मेलन का दिल्ली में ऐतिहासिक आयोजन किया गया। बताया जा रहा है कि G 20 के इतिहास में दिल्ली में आयोजित 18वां सम्मेलन सबसे सफल और शानदार रहा। दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों में सबसे अधिक 112 […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 10, 2023 15:04
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G 20 Summit 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी 20 के 18वें शिखर सम्मेलन का दिल्ली में ऐतिहासिक आयोजन किया गया। बताया जा रहा है कि G 20 के इतिहास में दिल्ली में आयोजित 18वां सम्मेलन सबसे सफल और शानदार रहा। दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों में सबसे अधिक 112 प्रस्तावों में सहमति बनी।

वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर आयोजित जी 20 के इस शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि भारत विश्‍व में शांति स्‍थापित करने कि दिशा अहम भूमिका निभा सकता है। जी 20 शिखर सम्मेलन की तैयारी पिछले एक साल से चल रही थी। बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन को सफल बनाने में चार विदेश मंत्रालय के चार अधिकारी अभय ठाकुर, नागराज नायडू काकनूर, ईनम गंभीर और आशीष सिन्‍हा ने अहम भूमिका निभाई। ये सभी अधिकारी 3 सितंबर से लगातार दिन रात काम करते रहे, ताकि दिल्ली घोषणापत्र पर सहमति बन सके और जी20 का 18वां शिखर सम्मेलन कामयाब हो पाए।

जैसे ही सभी सदस्य देशों के बीच घोषणापत्र पर सहमति बनी, इन चारों अधिकारियों ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इसके बारे में बताया और इसकी सूचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई। इन इन अधिकारियों ने तय किया की जब सहमति बन गई है तो घोषणापत्र की घोषणा के लिए शिखर सम्मेलन के समापन का इंतजार जरूरी नहीं है।

केरल कैडर के 1980-बैच के आईएएस अधिकारी और नीति आयोग के पूर्व प्रमुख अमिताभ कांत ने इसे ‘ऐतिहासिक’ और ‘अभूतपूर्व’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों की एक टीम शिखर सम्मेलन में जी 20 घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने के लिए 200 घंटे से अधिक की लगातार बातचीत विभिन्न देशों के डिप्लोमेट से बात करते रहे। इसमें सबसे जटिल काम भू-राजनीतिक पैरा (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाने में लगा। जी 20 का दिल्ली घोषण पत्र तैयार करने में 200 घंटे की नॉन-स्टॉप वार्ता, 300 से अधिक द्विपक्षीय बैठकें को बाद इसके मसौदों को तैयार किया जा सका।

  अभय ठाकुर (Abhay Thakur) :
भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्‍त के पद पर तैनात सचिव अभय ठाकुर G 20 समिट के दौरान सूस-शेरपा की भूमिका में थे। अभय ठाकुर मॉरिशियस और नाइजीरिया में भारतीय राजदूत के पद पर रह चुके हैं। अभय ठाकुर को रशियन भाषा की अच्छी जानकारी है।

नागराज नायडू काकनूर (Nagaraj Naidu Kakanur) :
1998 बैच के आईएफएस अधिकारी नागराज नायडू काकनू संयुक्‍त सचिव के पद पर तैनात हैं। उन्‍होंने युक्रेन विवाद पर सभी को सहमत करने में अहम किरदार निभाया। आपको बता दें कि नागराज संयुक्‍त राष्‍ट्र के 76वें सत्र के दौरान भारत का प्रतिनिधित्‍व करते हुए ‘शेफ डी कैबिनेट’ भी रह चुके हैं।

ईनम गंभीर (Eenam Gambhir) :
2005 बैच की आईएफएस अधिकारी भारतीय राजनयिकों की टीम में एकमात्र महिला अधिकारी ईनम गंभीर हैं जो वर्तमान में वो संयुक्त सचिव जी20 भी हैं। ईनम गंभीर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के अध्यक्ष के कार्यालय में शांति और सुरक्षा मुद्दों पर वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य कर चुकी हैं। ईनम गंभीर को स्पेनिश भाषा की अच्‍छी जानकारी है।


आशीष सिन्‍हा (Ashish Sinha):
2005 बैच के ही आईएफएस अधिकारी आशीष सिन्हा भारतीय राजनयिक के तौर पर मैड्रिड, काठमांडू, न्यूयॉर्क और नैरोबी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जी 20 के संयुक्त सचिव बनने से पहले आशीष सिन्हा पिछले सात सालों से मल्टीलेटरल सेटिंग्‍स में भारत के लिए बातचीत कर रहे थे।

 

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Written By

Pankaj Mishra

First published on: Sep 10, 2023 03:04 PM

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