F-35B Fighter Jet: पिछले दिनों यूके नेवी के फाइटर प्लेन F-35B की केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। ये इमरजेंसी लैंडिंग फाइटर जेट में कम फ्यूल होने के कारण हुई थी। कई दिनों से ये प्लेन एयरपोर्ट पर ही खड़ा है। अब ये प्लेन एक पहेली बनता जा रहा है। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, इमरजेंसी लैंडिंग के बाद भारतीय वायु सेना ने फ्यूल भरने सहित सभी तरह की सहायता दी थी, लेकिन जब एयरक्राफ्ट वापस जाने लगा तो उसमें हाइड्रोलिक खराबी आ गई। इस कारण वह वापस उड़ान नहीं भर सका।
इसके बाद यूके नेवी की एक मेंटेनेंस टीम यहां आई। टीम ने इस हाइड्रोलिक समस्या को सही करने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं कर पाई। एक रक्षा अधिकारी के अनुसार, एयरक्राफ्ट को ठीक करने के लिए एक बड़ी मेंटेनेंस टीम के आने की उम्मीद है। हालांकि जरूरत पड़ने पर विमान को मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में भी वापस ले जाया जा सकता है।
उठ रहे सवाल
दुनिया के सबसे आधुनिक और ताकतवर एयरक्राफ्ट में शामिल विमान की खराबी एक पहेली बन गई है। विमान की मेन्यूफेक्चरिंग पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब रॉयल नेवी के डेक-बेस्ड विमानों के साथ ऐसी असामान्य घटना हुई है। इससे पहले 1983 में रॉयल नेवी के विमान के साथ ऐसी ही एक घटना हुई थी। जब विमान के मदरशिप और ईंधन के अचानक कम हो जाने के बाद यह एक स्पेनिश कार्गो शिप पर गिर गया था। इसी तरह बाद में पांचवीं पीढ़ी का ये लड़ाकू विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद समुद्र में गिर गया था। बाद में पता चला था कि इंजन कवर गलती से इनटेक डक्ट में रह गया था।
हाल ही में पूरा किया था समुद्री अभ्यास
खास बात यह है कि F-35 यह जेट HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (UKCSG) का हिस्सा है। यूकेसीएसजी रॉयल नेवी का एक कैरियर बैटल ग्रुप है। इस जेट ने हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास पूरा किया था और इसके लिए अरब सागर में था। कुछ रिपोर्ट्स में विमान में मैकेनिकल खराबी की बात सामने आई है।
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कैसे हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग?
विमान 36,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ा था, लेकिन खराब मौसम की वजह से जहाज पर वापस नहीं आ सका। इसके बाद इसका फ्यूल भी कम होने लगा। विमान बार-बार चक्कर लगाने लगा। अब जानकारों का मानना है कि विमान में तकनीकी खराबी इसलिए बढ़ी क्योंकि फ्यूल खत्म होने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। एयरक्राफ्ट को कड़ी सुरक्षा दी गई है। इसकी सुरक्षा के लिए CISF की ओर से कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसे एयरपोर्ट के बे नंबर-4 में खड़ा किया गया है। विमान को वापस लेने आए पायलट फ्रेडी और तीन टेक्नीशियन भी यहीं मौजूद हैं।
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क्या है F-35B की खासियत?
बता दें कि F-35B को छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग के लिए डिजाइन किया गया है। विमान को लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। इसे मल्टीरोल एयरक्राफ्ट माना जाता है, जो लैंड, एयर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में कारगर है। F-35B लाइटनिंग एक स्टील्थ विमान है, जो टाइफून जेट के साथ काम करता है। इसे एयर टू एयर, एयर टू सरफेस, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और खुफिया जानकारी जुटाने जैसे मिशन के लिए डिजाइन किया गया है। F-35B लाइटनिंग लड़ाकू विमानों की अगली पीढ़ी है। विमान में लगे सेंसर पायलट को युद्ध क्षेत्र से पूरी तरह अवेयर रखते हैं। इसकी शुरुआत अमेरिकी नेवी के 1983 के एडवांस्ड टैक्टिकल एयरक्राफ्ट (ATA) कार्यक्रम से हुई थी। जिसने A-6 इंट्रूडर को रिप्लेस किया था।
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