Lok Sabha Security Breaches: देश में सुरक्षा के लिहाज से काफी सुरक्षित स्थान माने जाने वाले संसद भवन पर 22 साल पहले आज ही के दिन आतंकी हमला हुआ था। बरसी के दिन आज फिर से सुरक्षा में चूक का संगीन मामला सामने आया। इस घटना के बाद से संसद की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बहुत सवाल उठने लगे हैं। मुख्य सवाल यही है कि उच्च सुरक्षा वाली इमारत में, जहां एंट्री के लिए किसी भी आम आदमी को कई तरह के सिक्योरिटी चेक पॉइंट से गुजरना पड़ता है, वहां दो लोग कूद कर सीट पर चढ़े और जूते में से बम जैसी चीज निकाली और उसे फोड़ दिया। ये घटना लोकसभा की कार्यवाही के दौरान हुई थी।
सुरक्षा व्यवस्था की नींव हिली
शीतकानील सत्र के दौरान लोकसभा में हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की नींव को हिला कर रख दिया है। इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि ये घटना संसद पर हमले की बरसी के मौके पर हुई है।
संसद की सुरक्षा व्यवस्था को ट्रेडिशनल सुरक्षा उपायों के साथ कई लेयर में डिजाइन किया गया है, जिसमें टेक्नोलॉजी की भी सहारा लिया गया है। टायर किलर और रोड ब्लॉकर्स को स्ट्रेजेक्ली लगाया गया है। साथ ही एक सिक्योरिटी पावर फेंस पेरीमीटर तैनात किया जाता है। इससे घुसपैठ का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके अलावा बेहतर समन्वय के लिए एक जॉइंट कमांड और कंट्रोल रूम इस्टैबलिश किया गया है।
पास और प्रोटोकॉल
संसदीय परिसर में जाने वाले गैलरी पास को कंट्रोल प्रोटोकॉल की शर्तों को पूरा करने के बाद जारी किया जाता है। इसके लिए सिर्फ संसद सदस्य ही आवेदन कर सकते हैं। संसद के अंदर पहुंचने से पहले व्यक्ति को विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच अपनी पहचान को वेरिफाई करवाना पड़ता है। ये काम नई टेक्नोलॉजी के साथ और ज्यादा सख्त होता जा रहा है।