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EVM विवाद पर EC ने तोड़ी चुप्पी, मोबाइल OTP के सवाल पर दिया ये जवाब

EVM Controversy : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब देश में ईवीएम को लेकर विवाद शुरू हो गया। एक अखबर में ईवीएम को लेकर छपी खबर के बाद विपक्ष को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया। इसे लेकर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है।

EVM Controversy
Election Commission Press Conference : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों के घेरों में आ गई। इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमला बोला। ईवीएम विवाद पर चुनाव आयोग ने चुप्पी तोड़ी और मोबाइल ओटीपी के सवाल पर बड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र में ईवीएम को लेकर गलत खबर छापी गई है। रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट की काउंटिंग पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसको लेकर एक समाचार पत्र में गलत खबर छापी गई है। हम साफ कर देना चाहते हैं कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी (OTP) नहीं आता है। EVM में मोबाइल से कुछ नहीं होता है। इलेक्शन कमीशन का एक प्रोसेस होता है। यह भी पढ़ें : ‘NDA कैंडिडेट के रिश्तेदार का फोन EVM से जुड़ा था…’ राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल काउंटिंग प्रक्रिया से मोबाइल का कोई संबंध नहीं उन्होंने कहा कि गौरव को जो मोबाइल रखने की इजाजत थी, वो उसका पर्सनल मोबाइल था। उसके पास इलेक्शन कमीशन का मोबाइल था या नहीं, इसके बारे में पुलिस ही बता सकती है। गौरव 158 का डेटा ऑपरेटर था। इस मोबाइल का काउंटिंग प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है। EVM मशीन हैक नहीं हो सकती है। यह भी पढ़ें : पहली बार इस्तेमाल के बाद EVM पर लगा था ‘बैन’, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था चुनाव अनऑथराइज्ड मोबाइल को लेकर FIR दर्ज रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने आगे कहा कि जो मोबाइल अंदर था, वो अनऑथराइज्ड था। इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, ये अलग विषय है। इसका EVM से कोई संबंध नहीं है। अमोल कीर्तिकर 26वें राउंड में ईवीएम काउंटिंग में 1 वोट से आगे थे। उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर किसी ने भी रीकाउंटिंग की मांग नहीं की थी, जबकि पोस्टल बैलट को रीवेरीफाई करने की मांग की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्शन रूल 1991 की धारा 93(1) के तहत चुनाव आयोग सीसीटीवी और चुनाव से जुड़ी चीजें नहीं दे सकता है, क्योंकि ये सीलबंद लिफाफे में हैं। हाईकोर्ट की अनुमति से ही हम ये चीजें दे सकते हैं।


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