TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

कोविड जंबो सेंटर में बीएमसी अफसरों के बीच बंटा था 60 लाख का सोना…ईडी ने चार्जशीट में किया खुलासा

Ed revealed chargesheet in covid jumbo centre case: प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोविड जंबो सेंटर केस में चार्जशीट फाइल कर दी गई है। एजेंसी ने बताया है कि कोविड काल के दौरान कोविड सेंटरों पर लगभग आधे ही कर्मचारी तैनात थे। जिसके कारण इन कर्मियों पर लोगों की देखभाल का बोझ बढ़ गया […]

Ed revealed chargesheet in covid jumbo centre case: प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोविड जंबो सेंटर केस में चार्जशीट फाइल कर दी गई है। एजेंसी ने बताया है कि कोविड काल के दौरान कोविड सेंटरों पर लगभग आधे ही कर्मचारी तैनात थे। जिसके कारण इन कर्मियों पर लोगों की देखभाल का बोझ बढ़ गया था। एजेंसी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया है कि जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2022 तक दो केंद्रों में काफी अनियमितताएं बरती गई थीं। इस दौरान लगभग 32.44 करोड़ रुपये का धन गैरकानूनी ढंग से अर्जित किया गया था। शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने भी लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के खिलाफ संज्ञान लिया है। जिसके खिलाफ ईडी की ओर से आरोप पत्र दायर किया गया है। यह भी पढ़ें-महीनों पहले भारत छोड़ गए थे अफगानी राजदूत, अब तालिबान ने मोदी सरकार से की ये मांग इसी फर्म को जिन दो सेंटरों का ठेका 2020 में दिया गया था। उन सेंटरों में वर्ली और दहिसर शामिल थे। आरोप है कि कंपनी के चार साझेदारों ने मिलकर गैरकानूनी ढंग से पैसा अर्जित किया। इन चार लोगों में सुजीत पाटकर (शिवसेना सांसद संजय राउत के सहयोगी), हेमंत गुप्ता के अलावा संजय शाह और राजीव सालुंखे के नाम शामिल हैं। वहीं, कर्मचारी अरविंद सिंह और दहिसर केंद्र के डीन रहे डॉ. किशोर बिसुरे की भूमिका को भी संदेह के घेरे में माना गया है।

दहिसर में 50 फीसदी कर्मचारी ड्यूटी पर थे

वहीं, पाटकर की ओर से किसी भी अनियमितता को लेकर इन्कार किया गया है। ईडी की ओर से दावा किया गया है कि कोविड के दौरान इस कंपनी की ओर से दोनों केंद्रों के संचालन में अनियमितताएं बरती गई थीं। कंपनी के भागीदारों ने बीएमसी के अफसरों और दूसरे प्रभावशाली लोगों के बीच 60 लाख से अधिक का गोल्ड बांटा था। गोल्ड सिक्कों, बिस्कुटों और छड़ों के रूप में दिया गया था। ईडी ने दावा किया है कि दहिसर सेंटर में सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी ड्यूटी पर थे।

संजय शाह ने खरीदा था गोल्ड और बार

ईडी की ओर से जुलाई में पाटकर और बिसुरे को अरेस्ट किया गया था। जो धन अर्जित किया गया था, उस धन से संजय शाह ने गोल्ड और एक बार खरीदा था। बाद में गोल्ड सुजीत पाटकर को दिया था। यही गोल्ड बीएमसी के अफसरों के बीच बांटा गया था। पाटकर ने चिकित्सा कर्मियों की कम तैनाती से ध्यान हटाने के लिए अफसरों को कैश और दूसरी महंगी चीजें भी गिफ्ट की थीं। वहीं, पाटकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है।


Topics:

---विज्ञापन---