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कौन है अजाद मलिक? पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ ED का एक्शन, क्या हैं आरोप

West Bengal News : ED ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने फर्जी दस्तावेज तथा हवाला कारोबार में चार्जशीट दाखिल की। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला? पढ़ें विमल कौशिक की रिपोर्ट।

West Bengal News : कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ईडी के कोलकाता जोनल ऑफिस ने एक पाकिस्तानी नागरिक अजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद उर्फ अजाद हुसैन के खिलाफ 13 जून 2025 को पीएमएलए (PMLA) की विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल की है। कोर्ट ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आरोपी को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की अगली तारीख तय की है।

शुरुआत में बांगलादेशी नागरिक बताया जा रहा था अजाद मलिक

ईडी ने यह जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशियों अधिनियम, 1946 की धाराओं 14 और 14A के तहत दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू की थी। यह मामला उस समय सामने आया, जब 15 अप्रैल 2025 को की गई तलाशी के दौरान अजाद मलिक नाम का व्यक्ति भारत में अवैध रूप से रहते हुए पकड़ा गया, शुरुआत में बांग्लादेशी नागरिक बताया जा रहा था। वह भारत में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहा था और अवैध रूप से पासपोर्ट समेत कई सरकारी दस्तावेज बनवाने में शामिल पाया गया।

भारत में बनवाया फर्जी आईडी कार्ड

जांच के दौरान पता चला कि अजाद मलिक असल में पाकिस्तान का नागरिक है। उसके मोबाइल फोन से 1994 का एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ, जिसमें उसका असली नाम अजाद हुसैन और उसके पिता का नाम मुमताज़-उल-हक लिखा था। इस लाइसेंस में उसका स्थायी पता पाकिस्तान का था और जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 दर्ज थी। अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने अजाद मलिक नाम अपनाया और फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट बनवाया।

भारत और बांग्लादेश के बीच चला रहा था हवाला नेटवर्क

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि वह भारत और बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क चला रहा था, जिसमें नकद और यूपीआई के जरिए पैसा इकट्ठा कर बांग्लादेश भेजा जाता था। इसके लिए वह कुछ प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था। इसके अलावा वह वीजा और पासपोर्ट दिलवाने के नाम पर बांग्लादेशी नागरिकों से अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेशी टका और भारतीय रुपये वसूलता था और वह पैसा या तो अपने खाते में जमा करता या फिर अपने साथियों के खातों में ट्रांसफर करता जो इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में है और मामले की जांच अभी जारी है।    


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