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China Earthquake: भूकंप क्यों आते हैं, किस रिक्टर स्केल पर ज्यादा खतरा, देश में कौन-कौन सी जगहें संवेदनशील?

Earthquake Seismic Zone: चीन में भूकंप ने काफी तबाही मचाई है। हाल में अफगानिस्तान में भी भूकंप ने कई लोगों की जान ली थी, लेकिन भूकंप आते क्यों हैं? देश में कौन-कौन सी जगहें भूकंप के मद्देनजर ज्यादा संवदेनशील हैं।

China Earthquake
Earthquake Seismic Zone In India: चीन में सोमवार रात को जोरदार भूकंप आया। करीब 6.2 तीव्रता वाले भूकंप ने देश में काफी में तबाही मचाई। 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इमारतें ढह गई हैं। लोगों के घर तबाह हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम चीन, यानी चीन के गांसु-किंघई प्रांत में भूकंप आया। गांसु प्रांत में करीब 100 और पड़ोसी प्रांत किंघई में 10 से ज्यादा लोगों की जान जाने की खबर है। चीन के दोनों प्रांत में मंगलवार की सुबह तबाही का मंजर देखने को मिला। वहीं भूकंप का केंद्र गांसु की प्रांतीय राजधानी लान्झू से 102 किलोमीटर बेस्ट-साउथ एरिया बताया जा रहा है। वैसे आज तक भारत देश भी भूकंप की कई त्रासदियां झेल चुका है। दुनियाभर के कई देश भूकंप से बर्बाद हो चुके हैं। हाल ही में अफगानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इससे पहले तुर्की में भूकंप ने तबाही का मंजर दिखाया था, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर भूकंप क्यों आते हैं और किस रिक्टर स्केल पर भूकंप से ज्यादा खतरा होता है? देश में वह कौन-कौन सी जगहें हैं, जो भूकंप के मद्देनजर ज्यादा संवदेनशील हैं। आइए जानते हैं...   यह भी पढ़ें: Earthquake Impact: जैसे ही धरती डोली, जान बचाने हर कोई बाहर दौड़ पड़ा; सोशल मीडिया पर Videos की आई बाढ़

आखिर भूकंप क्यों आता है?

धरती 4 परतों से बनी है। इंटरनल कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट, जिसमें से क्रस्ट सबसे ऊपरी परत है। इसके बाद मेंटल होता है। दोनों मिलकर लीथोस्फेयर बनाते हैं, जिसकी मोटाई 50 किलोमीटर है। यह जिन प्लेटों के मिलने से बनती है, उन प्लेटों के मिश्रित रूप को टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ऐसी करीब 7 प्लेट्स हैं, जो घूमती रहती हैं। घूमते समय प्लेट्स एक दूसरे से टकराती हैं। कभी एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाती हैं। टकराकर एक दूसरे से दूर जाती हैं तो धरती हिलती है। धरती के इस तरह हिलने को ही भूकंप कहा जाता है। रेगुलर घूमने और टकराने से तो भूकंप आता ही है। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जो प्लेटों के टकराव की वजह बनते हैं। जैसे पहाड़ों को काटा जाना, धरती की खुदाई करके तेल निकालना आदि।   यह भी पढ़ें: Earthquake: भूकंप आने का क्या है भगवान विष्णु से कनेक्शन, जानिए इसका धार्मिक महत्व

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती?

भूकंप कितनी स्पीड से आया है? इसकी तीव्रता क्या है, इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। यह स्केलिंग एक से 9 पॉइंट में होती है। भूकंप को इसके सेंट्रल पॉइंट से मापा जाता है। प्लेटों के टकराने से जिस स्पीड से ऊर्जा और तरंगें निकलती हैं, उस स्पीड को मापा जाता है। भूकंप का जो सेंटर पॉइंट होता है, वहां कंपन ज्यादा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। कंपन की आवृति जितनी दूर जाएगी, प्रभाव काम होगा।   यह भी पढ़ें: Earthquake: कार से फर्राटा भरते हुए आ जाए भूकंप, तो न करें यह गलती वरना पड़ेगा पछताना

कितने प्रकार के होते हैं भूकंप?

वैसे भूकंप 4 प्रकार के होते हैं। इंड्यूस्ड भूकंप, जो इंसानी गतिविधियों से आते हैं। जैसे सुरंगें खोदना, पहाड़ काटना, जमीन खोदकर तेल निकालना, बांध बनाना आदि। वॉल्कैनिक भूकंप, जो ज्वालामुखी के फटने से पहले, उसके फटते समय या फटने के बाद आते हैं। यह भूकंप गर्म लावा निकलने से या उसके धरती के नीचे बहने से आते हैं। कॉलैप्स भूकंप, जो जमीन के अंदर गुफाओं, सुरंगों के टूटने या फटने से आता है। एक्सप्लोजन भूकंप, जो किसी परमाणु या रासायनिक विस्फोट की वजह से आते हैं। वहीं भूकंप आने के फायदे भी हैं। इससे कई नई जगहें बनती हैं। कई इलाकों की जलवायु पर सकारात्मक असर पड़ता है। पर्वत, पठार, घाटियां, वन बनते हैं। नया जीवन पनपता है। मिट्टी की पैदा करने वाली उर्वरक क्षमता बढ़ती है।   यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में विनाशकारी भूकंप की थी भविष्यवाणी… लेकिन कांप गया नेपाल; क्या सच हो गई डच वैज्ञानिक की चेतावनी?

कितनी तीव्रता का भूकंप जानलेवा?

  • भूकंप की तीव्रता 0 से 1.9 रिक्टर हो तो यह फील नहीं होता। केवल सीस्मोग्राफ से इसका पता लगता है।
  • 2 से 2.9 तीव्रता होने पर धरती हल्की हिलती है।
  • 3 से 3.9 तीव्रता होने पर थोड़ा जोर का झटका लगता है।
  • 4 से 4.9 की तीव्रता पर खिड़कियां टूट सकती हैं।
  • 5 से 5.9 की तीव्रता पर सामान और पंखा हिलने लगता है।
  • 6 से 6.9 की तीव्रता पर ऊपरी मंजिलों को नुकसान होता है। नींवें हिल जाती हैं।
  • 7 से 7.9 की तीव्रता पर इमारतें ढह सकती हैं।
  • 8 से 8.9 की तीव्रता पर सुनामी आने का खतरा होता है। पुल गिर सकते हैं।
  • भूकंप की तीव्रता 9 से ऊपर पहुंच जाए तो खड़े-खड़े गिर जाएंगे। धरती भी हिल जाएगी।
 

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भारत के कौन-कौन सी जगहें संवेदनशील

भूकंप के मद्देनजर देश को 4 जोन में बांटा गया है। पहला जोन-2 जो सबसे कम खतरनाक होता है। इस जोन में 4.9 तीव्रता तक का भूकंप धरती हिला सकता है। इस जोन में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, थिरुचिरापल्ली, बुलंदशहर, मुरादाबाद, गोरखपुर, चंडीगढ़ को रखा गया है। जोन-3 में 7 या इससे कम तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इस जोन में केरल, गोवा, लक्षद्वीप, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, चेन्‍नई, मुंबई, भुवनेश्‍वर, कोलकाता और बेंगलुरु शहरों को रखा गया है। जोन-4 में 8  तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है। इसके तहत दिल्ली, NCR के कई इलाके, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, उत्‍तराखंड, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का नॉर्थ एरिया, गुजरात के कुछ हिस्से, महाराष्ट्र और राजस्थान आता है। जोन-5 में आने वाला भूकंप जानलेवा हो सकता है। इस जोन में देश का पूर्वोत्तर एरिया, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश के कई इलाके, उत्तराखंड के प्रमुख शहर, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप आते हैं।


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