TrendingHOROSCOPE 2025Ind Vs AusIPL 2025year ender 2024Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18

---विज्ञापन---

Diwali 2023: एक ऐसी जगह जहां छोटी दिवाली के दिन मनाई जाती है भूत चतुर्दशी का पर्व, भूतों को कराया जाता है मांस मदिरा का सेवन

Diwali 2023: जहां पुरे देश मे आज के दिन छोटी दीवाली मनाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर आज पश्चिम बंगाल के लोग भूत चतुर्दशी मना रहे हैं। बंगाल के लोग आज भूतों को खाना खिलाते हैं।

बंगाल (अमर देव पासवान): आसनसोल, कार्तिक का महीना सनातन धर्म को मानने वालों के लिए बहुत ही खास महीना होता है। इस साल 11 नवंबर को देशभर में छोटी दिवाली के रूप में मनाई जा रही है। बड़ी दिवाली की तरह ही छोटी दिवाली भी लोगों के लिए बेहद ही खास दिन होता है। जहां पुरे देश मे आज के दिन लोग छोटी दीवाली मनाते हैं तो वहीं दूसरी ओर आज के दिन को पश्चिम बंगाल के लोग भूत चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं। लोग आज के इस दिन को काली चौदस के नाम से भी जानते हैं।

बंगाल में मनाई जाती है भूत चतुर्दशी

बंगाल में आज के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को लोग भूत प्रेत या आत्माओं से जुड़े पर्व के रूप में जानते और पहचानते हैं। इस दिन रात्रि में तंत्र विद्या सीखने वाले लोग तंत्र साधना से भूतों को बुलाते हैं। भूत चतुर्दशी की इस रात्रि में 14 दिए पूर्वजों के नाम जलाए जाते हैं। कहा जाता है इस रात बुरी शक्तियों अधिक हावी होती हैं और इन बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए तंत्र विद्या सीखने वाले लोग 14 दीप जलाते हैं। आसनसोल मोहिशिला में हर वर्ष भट्टाचार्य परिवार अपने घर में मौजूद शिवानी और शंकरी नाम की दो भूतों को आजाद करते हैं साथ में उनका आह्वान कर चावल मांस और मदिरा भी भोग के रूप में देते हैं।

भूतों को भोजन ले लिए किया जाता है आह्वान

भट्टाचार्जी परिवार की अगर मानें तो उन भूतों को आज के दिन तीन बार आह्वान कर भोजन भी करवाया जाता है, एक तो रात के दस बजे और दूसरा रात के 12 बजे और तीसरा सुबह में तीन बजे। उनका यह भी मानना है की उनके घर में मौजूद दोनों भूत उनके पूरे परिवार की रक्षा करते हैं। बदले में उनका परिवार भूत चतुर्दशी की रात उनका आह्वान कर उनको श्रद्धा से भोजन करवाते हैं। ये भी पढ़ेंः Diwali 2023 Upay: दिवाली की रात भूलकर न करें ये 3 काम, वरना मेहरबान नहीं होगी किस्मत भट्टचार्जी परिवार यह भी कहते हैं की उनके घर में भगवान शिव, मां मनसा के साथ -साथ मां काली का भी मंदिर है, जहां सभी देवी देवताओं की पूजा होती है। इसके साथ ही उनके घर में मौजूद दोनों प्रेतों को उनके आंगन मे मौजूद एक विशाल बरगद के पेंड़ मे स्थान दिया गया है। जिस पेड़ से दोनों प्रेत शंकारी और शिवानी उनके आह्वान पर उतरती हैं और उनके द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे को ग्रहण भी करती हैं।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.