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Explainer: प्रश्नकाल, शून्यकाल… संसद में किसी विषय पर कैसे हो सकती है चर्चा, कौन देता है अनुमति?

आज संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा होनी है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष 10 घंटे पर वंदे मातरम् पर चर्चा करेंगे। संसद में किसी विषय पर चर्चा कराने की एक पूरी प्रक्रिया होती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि क्या कहते हैं इसके नियम?

Discussion on Vande Mataram in Parliament

Discussion On Vande Mataram In Parliament: इन दिनों संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्र के छठवें दिन यानी सोमवार को संसद के लिए बेहद अहम दिन माना जा रहा है। संसद में वंदेमातरम् पर चर्चा होगी। इसके लिए 10 घंटे का समय तय किया गया है। पीएम मोदी खुद चर्चा को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे से वंदेमातरम् पर चर्चा होगी। केंद्र सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेंगे। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से महासचिव प्रियंका गांधी, उप-नेता प्रतिपक्ष गौरव गोगोई समेत 8 सांसद अपनी बात रखेंगे। अब सवाल उठता है कि यह प्रक्रिया शुरू कैसे होती है। संसद में किसी विषय पर कैसे चर्चा हो सकती है, इसका आव्हान कौन कर सकता है और कौन इसकी मंजूरी देता है। विस्तार से समझते हैं।

बता दें कि संसद में किसी विषय पर चर्चा बुलाने के लिए सदन का कोई भी सांसद लिखित सूचना देकर इसकी मांग कर सकता है। इस पर चर्चा कराने के लिए सभी दलों के प्रतिनिधियों की मीटिंग होती है। इसमें तय होने के बाद अध्यक्ष या सभापति इसकी अनुमति देता है। जैसे वंदेमातरम पर चर्चा करने के लिए 2 दिसंबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसमें तय हुआ कि 8 दिसंबर को लोकसभा और 9 दिसंबर को राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा होगी।

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बता दें कि कार्य मंत्रणा समिति (Business Advisory Committee) यह समिति तय करती है कि किस बहस या विधेयकों के लिए कितना समय तय किया जाए। इस समिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्य होते हैं।

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क्या होता है शून्यकाल?

शून्यकाल को Zero Hour भी कहते हैं। सत्र के बीच में एक घंटे का समय इसके लिए तय किया जाता है। इस दौरान कोई भी संसद सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के किसी महत्वपूर्ण लेकिन सार्वजनिक मुद्दे को उठा सकता है। हालांकि इस नियम का संसदीय नियमों में कोई जिक्र नहीं है। इसे भारत का ही इनोवेशन माना जाता है। संसद में आमतौर पर इसका समय दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक होता है। शून्यकाल सांसदों और मीडिया के बीच काफी लोकप्रिय होता है क्योंकि इसमें बिना किसी तैयारी के जरुरी मुद्दों पर चर्चा होती है।

क्या होता है प्रश्नकाल?

प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद सरकार से सवाल पूछते हैं। सरकार की तरफ से जिम्मेदार मंत्री या सांसद इसका जवाब देते हैं। आमतौर पर संसद की कार्यवाही के पहले घंटे यानी सुबह 11 बजे से 12 तक का समय प्रश्नकाल के लिए तय किया जाता है।

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