Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बुधवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उनकी अगुवाई वाली ’80 घंटे वाली सरकार’ के बारे में कई खुलासे किए हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि शरद पवार 2019 में भाजपा-एनसीपी सरकार में शामिल थे। सरकार का नेतृत्व मैं कर रहा था, जबकि शरद पवार के भतीजे मेरे डिप्टी थे। फडणवीस ने कहा कि 23 नवंबर को सुबह शपथ ग्रहण से 3-4 दिन पहले शरद पवार पीछे हट गए।
एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक बयान जारी कर फड़णवीस के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि अब जब फड़णवीस को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वश में कर लिया है, तो वह कोशिश कर रहे हैं शरद पवार के नाम का दुरुपयोग करके प्रचार हासिल करें।
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फडणवीस बोले- शरद पवार की सहमति से अजित ने भाजपा से हाथ मिलाया था
फड़णवीस ने एक बार फिर कहा कि अजित पवार ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और ये सब उनके चाचा शरद पवार की सहमति के बाद ही हुआ था। इंटरव्यू में फड़णवीस ने कहा कि अगर आप शरद पवार के रहस्य को समझना चाहते हैं तो आपको उनके इतिहास में जाना होगा।
फडणवीस बोले- उद्धव जी ने फोन उठाना बंद कर दिया
फडणवीस ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे ने हमारा फोन उठाना बंद कर दिया तो हम समझ गए कि वह हमारे पास नहीं आ रहे हैं, बल्कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के पास जा रहे हैं, वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उसी वक्त एनसीपी के कुछ लोगों ने हमें बताया कि एनसीपी हमारे साथ आना चाहती थी। मैं इस बात को कहना चाहता हूं कि शरद पवार के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भाजपा और राकांपा सरकार बनाएंगे। अजित पवार और मैं सरकार का नेतृत्व करेंगे, लेकिन फिर अचानक पवार साहब पीछे हट गए।
अजित पवार के पास कोई और रास्ता नहीं था: फडणवीस
फडणवीस ने कहा कि अजित पवार और क्या कर सकते थे? उन्हें मेरे साथ आना पड़ा क्योंकि हमने पूरी तैयारी कर ली थी। हमने शपथ ली और अजित पवार सोच रहे थे कि शरद पवार साहब हमारे साथ होंगे क्योंकि हमने बहुत सारी बैठकें कीं। मैं मैं दोहराऊंगा कि शरद पवार ने उस समय सरकार बनाने की पहल की थी।
‘उद्धव ने धोखा दिया, शरद पवार ने दोहरा खेल दिखाया’
फडणवीस ने ये भी कहा कि जो कुछ हुआ, उसे मैं पीठ में छुरा घोंपना नहीं मानूंगा। मैं कहूंगा कि उन्होंने दोहरा खेल खेला और उद्धव ने हमें धोखा दिया। बता दें कि महाराष्ट्र में 2019 विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर असहमति के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन को समाप्त कर दिया था।
बाद में, राजभवन में सुबह एक गुप्त समारोह में फड़णवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में और राकांपा नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हालांकि, ये सरकार केवल 80 घंटे ही चली थी। बाद में ठाकरे ने राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाई। अगले साल एकनाथ शिंदे ने शिव सेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी में विभाजन हुआ और एमवीए सरकार का पतन हो गया। 30 जून, 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि फड़णवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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