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Delhi: सीएम केजरीवाल ने टैक्स को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को देश में एक जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा कि देश की जनता से पूछा जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार और चंद दोस्तों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए या फिर आम लोगों को अच्छी शिक्षा, अच्छा अस्पताल और […]

सीएम केजरीवाल
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को देश में एक जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा कि देश की जनता से पूछा जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार और चंद दोस्तों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए या फिर आम लोगों को अच्छी शिक्षा, अच्छा अस्पताल और अच्छी सड़कें बनाने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। यह कहा जा रहा है कि अगर जनता को फ्री सुविधाएं दी जाएंगी, तो इससे देश को नुकसान होगा और टैक्स देने वालों के साथ धोखा होगा। ‘‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि टैक्स देने वालों के साथ धोखा उनके बच्चों को अच्छी और फ्री शिक्षा और लोगों को अच्छा इलाज देने से नहीं होता है। उनके साथ धोखा तब होता है, जब अपने दोस्तों के कर्जे माफ करते हैं। अगर 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं किए जाते, तो आज देश इस तरह घाटे की स्थिति में नहीं होता और दूध-दही पर जीएसटी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर जनता से मिले टैक्स से जनता को ही सुविधाएं नहीं देंगे और सारी सुविधाएं अपने दोस्तों को देंगे, तो फिर जनता के साथ धोखा ही होगा।
 टैक्स देने वालों के साथ होता है धोखा 
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि अभी थोड़ी देर पहले यह कहा गया है कि अगर जनता को फ्री सुविधाएं दी जाएंगी, तो इससे देश को नुकसान होगा, इससे टैक्स देने वालों के साथ धोखा होगा। मुझे लगता है कि टैक्स देने वालों के साथ धोखा तब होता है, जब उनसे टैक्स लेकर और उस टैक्स के पैसे से अपने चंद दोस्तों के बैंकों के कर्जे माफ किए जाते हैं। टैक्स देने वाला सोचता है कि पैसा तो मुझसे लिया था और यह कह कर लिया था कि आपके लिए सुविधाएं बनाएंगे और मेरे पैसे से अपने दोस्तों के कर्जे माफ कर दिए। तब पूरे देश का टैक्स देने वाला व्यक्ति धोखा महसूस करता है। टैक्स देने वाला यह देखता है कि मेरे से तो टैक्स लिया, खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी लगा दिया। दूध, दही और छाछ पर जीएसटी लगा दिया और अपने बड़े-बड़े अमीर दोस्तों के टैक्स माफ कर दिए। बड़े-बड़े लोगों को टैक्स के अंदर राहत दे दिया। तो फिर एक आम आदमी सोचता है कि हमारे साथ तो धोखा हो गया। टैक्स देने वालों के साथ धोखा इससे नहीं होता है कि हम उनके बच्चों को अच्छी और फ्री शिक्षा देते हैं, टैक्स देने वालों के साथ धोखा इससे नहीं होता है कि हम देश के लोगों का फ्री में अच्छा इलाज कराते हैं। टैक्स देने वालों के साथ धोखा तब होता है, जब अपने दोस्तों के कर्जे माफ करते हैं।
यह एक माहौल बनाया जा रहा है कि जनता को फ्री की सुविधाएं देने से देश को नुकसान होगा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं समझता हूं कि अगर 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं किए जाते, तो आज देश इस तरह घाटे की स्थिति में नहीं होता। हमें दूध-दही के उपर जीएसटी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन यह मुद्दा अच्छा उठा है और मेरी मांग है कि देश के अंदर जनमत संग्रह कराया जाए। देश के लोगों से पूछा जाए कि आप टैक्स देते हो। इस देश का गरीब से गरीब आदमी भी टैक्स देता है। वो बाजार से कुछ खरीद कर लाता है, तो उस पर जीएसटी देता है। देश के अंदर यह जनमत कराया जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। एक पार्टी है, जो चाहती है कि सारा सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल हो। जनता से पूछा जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। दूसरी विचारधारा है कि क्या सरकारी पैसा चंद दोस्तों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। वहीं, तीसरा मॉडल है कि क्या सरकारी पैसा इस देश के आम लोगों को अच्छी सुविधाएं, अच्छी शिक्षा, अच्छे अस्पताल और अच्छी सड़कें बनाने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। यह जो एक माहौल बनाया जा रहा है कि जनता को फ्री की सुविधाएं देने से देश को नुकसान होगा, तो फिर सरकार का काम क्या है? अगर जनता जितना टैक्स देती है, उससे जनता को ही सुविधाएं नहीं देंगे और सारी सुविधाएं अपने दोस्तों को देंगे, तो फिर जनता के साथ धोखा ही होगा।


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