Central Ordnance: ‘अब खड़गे और राहुल गांधी से टाइम मांगूंगा…’, शरद पवार से भरोसा मिलने के बाद बोले दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल
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Central Ordnance: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी दिल्ली के लोगों का साथ देगी। गुरुवार को मुम्बई में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली के लोगों के साथ खड़े होने का एलान किया। इस दौरान उन्होंने गैर भाजपा दलों के नेताओं को भी राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए राजी करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह सवाल दिल्ली या आप का नहीं है, बल्कि यह देश में चुनी हुई सरकारों को मिले अधिकारों को बचाने का है।
वहीं, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने समर्थन देने के लिए उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों के खिलाफ लाए गए काले अध्यादेश को हम सबको मिलकर संसद में रोकना है। एनसीपी और पवार साहब राज्यसभा में दिल्ली के लोगों का साथ देंगे।
केजरीवाल ने कहा कि 26 मई को मैं इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगूंगा।
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दिल्ली के साथ हुआ बहुत अन्याय
एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि दिल्ली के लोगों के साथ बहुत अन्याय हुआ है। 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी, तो 23 मई 2015 को केंद्र सरकार ने एक साधारण अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार की अधिकारियों पर नियंत्रण करने की सारी पावर छीन ली। पिछले 8 साल ( मई 2015 से मई 2023 तक) से दिल्ली के लोग कोर्ट के चक्कर काट रहे थे। आठ साल के बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने सर्व सम्मति से दिल्ली के लोगों के हक में आदेश दिया कि दिल्ली के लोग सरकार चुनते हैं। इसलिए सरकार को काम करने का पूरा अधिकार होना चाहिए। अगर चुनी हुई सरकार काम नहीं कर सकती तो दिल्ली के लोगों को सरकार चुनने का क्या फायदा है? दिल्ली के लोगों ने आठ साल में जो लड़ाई जीती, उसे केंद्र ने 8 दिन के अंदर (19 मई को) अध्यादेश लाकर छीन लिया और दिल्ली की सारी शक्तियां वापस लेकर कहा कि एलजी के पास सारी शक्तियां होंगी।
गैर भाजपा पार्टियां एकजुट हुईं तो गिर जाएगा बिल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र का यह अध्यादेश अब राज्यसभा में बिल के रूप में आएगा। राज्यसभा में इसके बिल को रोकने के लिए हम देश भर में सभी विपक्षी पार्टियों के पास जा रहे हैं और उनसे निवेदन कर रहे हैं कि दिल्ली के लोगों के साथ न्याय होना चाहिए। दिल्ली के लोगों के लिए समर्थन मांग रहे हैं कि जब यह अध्यादेश बिल के रूप में राज्यसभा में आए तो इसे हराना है। मैं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का शुक्रिया यदा करता हूं कि इन्होंने दिल्ली के लोगों को अपना समर्थन देने का हमें आश्वासन दिया है कि राज्यसभा में इस बिल को पास नहीं होने देंगे। राज्यसभा में किसी भी पार्टी का स्पष्ट बहुमत नहीं है। अगर गैर भाजपा सारी पार्टियां इकट्ठी होती हैं तो यह बिल राज्यसभा में गिर सकता है।
यह पूरे संघीय ढांचे की लड़ाई
केजरीवाल ने कहा कि यह केवल दिल्ली की लड़ाई नहीं है। यह पूरे संघीय ढांचे की लड़ाई है। पूरे देश में किसी भी राज्य के लोग अगर वोट देकर गैर भाजपा दल की सरकार बनाते हैं तो भाजपा की केंद्र सरकार उनके साथ तीन काम करती है। पहला, गैर भाजपा दलों के विधायकों को खरीद कर उनकी सरकार गिरा देती है और भाजपा की सरकार बना देती है। दूसरा, ईडी-सीबीआई को भेज कर उनके विधायकों को डरा-धमका कर पार्टी तोड़ देते हैं और सरकार गिराकर भाजपा की सरकार बना लेते हैं। अगर दूसरे दल के विधायक बिकते और टूटते नहीं हैं तो फिर अध्यादेश लाकर राज्यपाल के जरिए उनको काम नहीं करने देती है। यह देश के लिए बहुत खतरनाक स्थिति है। मैं समझता हूं कि महाराष्ट्र के अंदर लोग इसके भुक्तभोगी हैं। कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में ईडी-सीबीआई और पैसों का इस्तेमाल कर विधायकों को तोड़कर जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिरा दिया गया। यह देश में अच्छी परिस्थिति नहीं है। केंद्र सरकार ने संदेश दिया है कि अगर कोई वोट देकर भाजपा की सरकार नहीं बनाएगा तो हम सरकार चलने नहीं देंगे या फिर सरकार तोड़ देंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पूरे देश में लोगों के पास जा रहे हैं और उन्हें जोड़ रहे हैं। लोग पूछते हैं कि विपक्ष के बीच एकता है क्या? यह पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है। यह देश और देशभक्तों की बात है। हम लोग देश को चाहने वाले सभी लोगों और पार्टियों को इकट्ठा कर रहे हैं। देश से प्रेम करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता है कि चुनी हुई सरकार को इस तरह खरीदकर, तोड़कर और अध्यादेश जारी कर काम नहीं करने दिया जाए। हमने एनसीपी प्रमुख शरद पवार जी से निवेदन किया है कि आपका सहयोग तो मिलेगा ही। साथ ही आप सारी पार्टियों से बात कर उनको भी इस बिल के खिलाफ इकट्ठा करें। अगर राज्यसभा में यह बिल गिर जाता है, भाजपा बिल को पास नहीं करवा पाती है तो इसे 2024 का सेमी फाइनल माना जाएगा। इसके बाद पूरे देश में संदेश जाएगा कि 2024 में मोदी जी की सरकार नहीं आ रही है।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के लोगों के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश हम सबको मिलकर संसद में रोकना है। इस विषय पर आज मुंबई में एनसीपी के वरिष्ठ नेता श्री शरद पवार साहब से मुलाक़ात हुई। एनसीपी और पवार साहब राज्यसभा में दिल्ली के लोगों का साथ देंगे। दिल्ली के लोगों की तरफ से मैं एनसीपी और पवार साहब का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। लोकतंत्र को बचाने की ये लड़ाई हम मिलकर लड़ेंगे।
शरद पवार बोले- मेरा पूरा समर्थन
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में प्रजातंत्र हैं। प्रजातंत्र में केंद्र सरकार निर्णय लेगी या जनता के द्वारा चुनी गई सरकार निर्णय लेगी। देश में आज यह समस्या सबके सामने हैं। हमें यह समय प्रजातंत्र को बचाने का है। आज जनता के वोट देने के अधिकार को बचाने का समय है। यह सवाल दिल्ली या आम आदमी पार्टी का नहीं है, बल्कि यह देश में चुनी हुई सरकारों को राज करने का जो अधिकार मिला है, उसे बचाने का सवाल है। मेरी पार्टी की तरफ से अरविंद केजरीवाल को पूरा समर्थन है। हम अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने के लिए अन्य नेताओं से भी बात करेंगे। हमें सभी गैर-भाजपा पार्टियों को एक साथ लाने पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी का यह कर्तव्य है कि गैर भाजपा पार्टियां दिल्ली के लोगों का समर्थन करें।
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के अपने अन्य सहयोगियों के साथ दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए एनसीपी का समर्थन मांगने मुंबई का दौरा किए।
भगवंत मान बोले- लोकतंत्र की हत्या की जा रही
इस दौरान मौजूद पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहते हैं, लेकिन देश के अंदर लगातार लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। राज्यों के राज्यपाल भाजपा के स्टार कैंपेनर बन गए हैं और राजनिवास भाजपा का मुख्यालय बन गए हैं। राज्यपालों से हिसाब मांगा जाता है कि उन्होंने चुने हुए मुख्यमंत्री को कितनी बार तंग किया। पंजाब में हमें बजट सत्र बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा था। राज्यपाल बजट सत्र नहीं होने देना चाहते थे। देश में आज इलेक्टेड नहीं, सेलेक्टेड राज है। देश को 30-31 राज्यपाल ही देश को चला रहे हैं। यह बहुत ही खतरनाक है। हर दिन किसी न किसी राज्य के अधिकार छीने जा रहे हैं। देश के लोगों को इकट्ठा होने का भगवान ने एक मौका दिया है। शरद पवार जी ने बहुत बार संकट देखा है और संकट से देश को बाहर भी निकाला है। आज देश के लोकतंत्र पर सकट आ गया हैं। शरद पवार जी एक बार फिर अपने अनुभवों का इस्तेमाल कर देश के लोकतंत्र को बचाएंगे।
कई दल दिल्ली का समर्थन करने का कर चुके हैं एलान
उल्लेखनीय है कि गत 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इसके अनुसार दिल्ली की सर्विसेज विभाग पर दिल्ली की चुनी हुई दिल्ली सरकार का अधिकार होगा। लेकिन इसके एक सप्ताह बाद ही 19 मई को भाजपा की केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गत 23 मई से केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने के लिए उनसे मुलाकात कर रहे हैं। 23 मई को उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर उनका समर्थन लिया। इसके बाद 24 मई को मुम्बई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उद्धव ठाकरे ने भी दिल्ली का समर्थन करने का एलान किया है। इसी कड़ी में आज वे मुम्बई में ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले। इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दिल्ली में ‘‘आप’’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता का साथ देने की घोषणा की थी।
वाईबी चव्हाण और अजित पवार ने किया स्वागत
अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा, दिल्ली की मंत्री आतिशी भी शरद पवार के साथ मीटिंग में शामिल थीं। इससे पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता वाईबी चव्हाण ने केजरीवाल का स्वागत किया। इस मौके पर शरद पवार के भतीजे अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरें मौजूद थे।
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