जम्मू-कश्मीर में 16 अप्रैल को तेज बारिश और हवाओं के कारण डल झील में एक शिकारा (नाव) पलट गया। इस हादसे में चार पर्यटक झील में गिर गए। झील के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस घटना के बाद कश्मीर पर्यटन निदेशालय ने सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पर्यटन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी शिकारों को पर्यटन विभाग में पंजीकृत होना अनिवार्य है। प्रत्येक शिकारा पर उसकी पंजीकरण संख्या स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। यदि कोई शिकारा बिना पंजीकरण के पाया जाता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
नई गाइडलाइन के अनुसार:
लाइफ जैकेट पहनना अब अनिवार्य है। प्रत्येक शिकारा में यात्रियों की संख्या के बराबर या उससे अधिक संख्या में जैकेट उपलब्ध होनी चाहिए।
यदि नाबालिग यात्री सवार हों, तो उनके लिए उपयुक्त आकार की जैकेट होना अनिवार्य है।
हर यात्री द्वारा सुरक्षा उपकरण पहनने तक कोई शिकारा संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिकारा पर अधिकतम यात्री क्षमता, पंजीकरण संख्या, पर्यटन पुलिस, आपदा प्रतिक्रिया दल और नजदीकी अग्निशमन एवं बचाव केंद्रों के आपातकालीन नंबर स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए।
नाव मालिकों को वैध पहचान पत्र और पंजीकरण दस्तावेज साथ रखना होगा, और ओवरलोडिंग की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही नाव मालिकों को लेकर कई सख्त आदेश जारी किए गए हैं। जिसका पालन ना करने पर कार्रवाई की जा सकती है।
नाव मालिकों को अपने नाव का नियमित निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है। अगर नाव असुरक्षित पाई जाती है तो उसे तत्काल संचालन से रोका जाएगा।
सुबह और शाम के समय नेविगेशन लाइट और वॉटरप्रूफ सीटी चालू रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
प्राथमिक चिकित्सा किट हर नाव में होनी चाहिए, और खराब मौसम की स्थिति में नौका विहार से बचने की सलाह दी गई है।
किसी भी दुर्घटना की स्थिति में दो घंटे के भीतर पर्यटन विभाग को सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है।
पर्यटकों से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने या अतिरिक्त मांग करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।