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Cyclone Dana का हिंदी में अर्थ क्या? किसने रखा तूफान का यह नाम और क्यों, जानें सब कुछ

Cyclone Dana Name Explainer: चक्रवाती तूफान दाना ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तबाही मचा सकता है, लेकिन तूफान का नाम दाना क्यों पड़ा और इसका मतलब क्या है? इसे यह नाम किसने दिया है, इस बारे में आइए विस्तार से बात करते हैं...

Cyclone Dana
Cyclone Dana Name Explainer: समुद्र में उठने वाले तूफान (Cyclone) तबाही मचाते हैं और प्राकृतिक आपदाएं लाते हैं। इनके आने से जान माल का नुकसान उठाना पड़ता है। समुद्री तूफान आने से समुद्र तटीय इलाकों में जहां तूफानी हवाएं चलती हैं, वहीं भारी से बहुत भारी बारिश होती है। वैसे तो समुद्र तूफान मई-जून के महीने में एक्टिव होत हैं, लेकिन क्लाइमेट चेंज के कारण अब समुद्री तूफान सितंबर-अक्टूबर के महीनों में एक्टिव होने लगे हैं। क्योंकि समुद्री तूफान दुनिया के अलग-अलग देशों में फैले अलग-अलग समुद्री इलाकों में उठते हैं, इसलिए समुद्री तूफानों को नाम देने की परंपरा भी है। आजकल भारत में एक समुद्री तूफान तबाही मचाने को तैयार है। इस तूफान का नाम DANA और यह तूफान आज रात से कल सुबह तक देश के 2 राज्यों में समुद्र तट टकराएगा। इसलिए देशभर में इस तूफान की चर्चा है, लेकिन क्या आप जानना चाहेंगे हैं कि इस तूफान का नाम DANA किसने रखा और इसका मतलब क्या है?  

सऊदी अरब ने रखा नाम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल की खाड़ी उठे चक्रवाती तूफान को DANA नाम सऊदी अरब ने दिया है। दाना अरबी शब्द है और हिंदी भाषा में इस शब्द का मतलब है- अनमोल उपहार या उदारता। हिंदू धर्म ग्रंथों में दाना का मतलब दानव यानी राक्षस से लिया जाता है, लेकिन अरबी भाषण में इस मतबल बिल्कुल विपरीत है। तूफान को नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि इस तूफान के कारण 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली तूफानी हवाएं चलेंगी, जो तबाही मचा सकती हैं। नियम बनाया गया है कि जब किसी तूफान या आंधी की स्पीड 62 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होती है तो उसे नाम देना जरूरी होती है। अलग-अलग देशों और अलग-अलग समुद्र में उठने के कारण तूफान की पहचान के लिए भी इन्हें नाम देना जरूरी होता है।  

नाम रखने के लिए तय मानक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के अनुसार रखे जाते हैं। राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और लिंग-आधारित तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए चक्रवाती तूफानों के नाम रखे गए हैं। नाम रखते समय ध्यान रखा जाता है कि इनका संबंध किसी जाति, धर्म या किसी समुदाय से न हो। नाम से किसी व्यक्ति विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत न होती हों। तूफान का नाम किसी राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक या अन्य क्षेत्र में विख्यात व्यक्तियों से जुड़ा नहीं होना चाहिए।

कौन और कैसे रखता है नाम?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात का अलर्ट जारी होते ही सभी देश एक-एक नाम भेजते हैं। इन नामों की लिस्ट विश्व मौसम विज्ञान संस्थान एक जारी करके सुझाव मांगे जाते हैं। जिस एक नाम पर सबसे ज्यादा देशों की सहमति बनती है, उस नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाती है। WMO/ESCAP (विश्व मौसम विज्ञान संगठन/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत) द्वारा साल 2000 में चक्रवाती तूफानों को नाम देने की परंपरा शुरू की गई थी।   उस समय समिति में 8 देश बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड शामिल थे। आगे चलकर इसमें 5 और देश ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जुड़ गए। अप्रैल 2020 में 169 चक्रवातों की नामों की सूची जारी की गई थी, जो इन्हीं 13 देशों के सुझावों के आधार पर तैयार की गई। प्रत्येक देश ने 13 नामों के सुझाव दिए थे। इन 13 नामों में से जिस एक को बहुमत मिलता है, वह नाम चक्रवाती तूफान को दे दिया जाता है।


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