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SIR का साइड इफेक्ट! टीचर बने BLO, मिड-डे मील वाली ले रही क्लास, हैरान कर देगा UP-MP-बंगाल के स्कूलों का हाल

टीचर स्कूल की पढ़ाई छोड़कर वोटर को ढूंढ़ रहे हैं और बच्चे क्लास में मास्टर साहब का बाट जोह रहे हैं. बंगाल में तो क्लास में मिड डे मिल में खाना बनाने वाली महिलाएं क्लास में बच्चों को पढ़ा रही हैं.

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर संसद से लेकर सड़क तक बवाल है . विपक्ष SIR पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ा है. सत्ता पक्ष कह रहा है ये हार की बौखलाहट है. SIR को लेकर सियासत चरम पर है. संसद ना चलने से नुकसान तो है, लेकिन एक और बड़ा नुकसान हो रहा है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का एसआईआर से होने वाले नुकसान पर शायद ही किसी की नजर पड़ी हो. आपको जानकर हैरानी होगी कि बंगाल-यूपी-मध्य प्रदेश सब जगह एक ही हाल है.

आलम ये है कि टीचर स्कूल की पढ़ाई छोड़कर वोटर को ढूंढ़ रहे हैं और बच्चे क्लास में मास्टर साहब का बाट जोह रहे हैं. बंगाल में तो क्लास में मिड डे मिल में खाना बनाने वाली महिलाएं क्लास में बच्चों को पढ़ा रही हैं, तो कहीं क्लास का मॉनीटर देखभाल कर रहा है . बच्चे खानापूर्ति के लिए स्कूल आ रहे हैं, ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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SIR में लगाए गए शिक्षक, बच्चों को कौन पढ़ाए?


गौरतलब है कि जब से देश में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR का दूसरा चरण शुरु हुआ है, तब से इस प्रक्रिया को लेकर नए-नए तरीके से विवाद सामने आ रहे हैं. 7 राज्यों में जहां अब तक 25 से ज्यादा BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर की मौत हो चुकी हैं, वहीं अब SIR का असर स्कूलों में भी साफ दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि SIR प्रक्रिया में BLO के काम में ज्यादातर शिक्षकों को लगाया गया है. पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी से लेकर हावड़ा तक, एमपी के भोपाल से लेकर यूपी के पीलीभीत, प्रतापगढ़ और वाराणसी तक की तस्वीरें साफ बता रही है कि शिक्षकों को BLO की ड्यूटी लगाने का असर बच्चों पर किस तरह पड़ रहा है.

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मिड-डे-मील की रसोइया बनीं टीचर


कहीं शिक्षकों के अभाव में क्लासरुम पूरी तरह खाली है तो कही क्लास की मॉनिटर पूरे क्लास को संभाल रही हैं, तो कहीं स्कूलों में ताले लटके हुए हैं तो कहीं शिक्षक SIR का काम स्कूल में ही कर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना के नामखाना इलाके की कुसुम तला वेस्ट फ्री स्कूल में शिक्षक ना होने की वजह से मिड डे मिल का खाना बनाने वाली महिला क्लासरुम में शिक्षक की कुर्सी पर बैठकर बच्चों को पढ़ाती और संभालती नजर आई.

जानकारी के मुताबिक, स्कूल में तीन शिक्षक हैं और, तीनों शिक्षक इन दिनों SIR के काम में लगे हुए हैं. चूंकि, स्कूल बंद नहीं किया जा सकता, इसलिए मिड-डे-मील की रसोइया ने ही बच्चों की उपस्थिति बनाये रखने के लिए अस्थायी तौर पर पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल ली है. इनके मुताबिक, प्रधानाचार्य ने निर्देश दिया है कि स्कूल किसी भी हालत में बंद नहीं होगा. ऐसे में वो अपनी क्षमता भर बच्चों को पढ़ाने की कोशिश कर रही हैं.

स्कूल के 9 शिक्षक नदारद


पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में कुली पारा इलाका है. जिसके वार्ड नंबर एक में स्थित देशबंधु प्राथमिक हिंदी विद्यालय की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. स्कूल में बाकी के 9 शिक्षक नदारद थे क्योंकि, 15 में से 4 शिक्षकों की ड्यूटी SIR में बतौर बीएलओ लगाई गई है. ऐसे में स्कूल में कुल 11 शिक्षक मौजूद होने चाहिए थे. स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल ने बताया कि खाली क्लासरुम को लेकर बताया कि इस वक्त एग्जाम का समय है और एक पाली का पेपर हो गया है, अब दूसरी पाली का पेपर होना है, इसलिए क्लासरुम फिलहाल खाली हैं. हालांकि वो एसआईआर के मामले पर चुप रहीं.

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मध्य प्रदेश के स्कूलों में लटके ताले


मध्य प्रदेश के भोपाल सहित कई जिलों में तो स्कूलों पर ताले तक लटके हैं. जिन स्कूलों में सिर्फ एक या दो शिक्षक हैं, उन्हें भी SIR में लगा दिए जाने से बच्चों की कक्षाएं पूरी तरह प्रभावित हुई हैं. कई स्कूलों की परीक्षाएं आगे बढ़ानी पड़ी हैं, जबकि कुछ शिक्षकों पर इतना काम का दबाव है कि उन्हें स्कूल में बैठकर ही SIR का डेटा भरना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश का भी ऐसा ही कुछ हाल


उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, हमीरपुर, प्रतापगढ़ और वाराणसी में भी यही हाल है. आधे से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी BLO के रूप में लगी है, जिससे बचे हुए टीचरों पर दो-दो कक्षाएं संभालने का बोझ है. कई जगह बच्चे स्कूल आकर मिड डे मील खाने के बाद लौट जाते हैं. शिक्षा विभाग मानता है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लेकिन समाधान अब तक नहीं मिल सका है. पीलीभीत में सरकारी टीचर चुनाव आयोग की ड्यूटी में इतने व्यस्त हैं कि फील्ड के अलावा, स्कूल में भी SIR का काम कर पूरा करने में जुटे हैं. टेबल पर SIR फॉर्म के बंडल रखे हैं. जिन्हें एक-एक कर जांचा जा रहा है. हालाकि इस दौरान कुछ अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हुए भी दिखे.


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