Chandrayaan-3 के हीरो ने दिखाई गजब की जिंदादिली, 2 साल की सैलरी कर दी दान
Aerospace Engineer Palanivel Veeramuthuvel
Chandrayaan-3 Scientist Donated 2 Years Salary: देश को चांद तक पहुंचाया, 4 साल से एक छुट्टी नहीं ली और अब गजब की जिंदादिली दिखाते हुए अपनी 2 साल की सैलरी दान कर दी। करीब 25 लाख रुपये दान किए गए हैं। यह वही साइंटिस्ट 46 वर्षीय डॉ. पी. वीरमुथुवेल हैं, जिन्होंने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करवाकर इतिहास रचा था। वे चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे। उन्होंने 2019 से 2023 तक चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट के लिए काम किया और इस बीच एक भी छुट्टी नहीं ली। उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए गांधी जयंती पर तमिलनाडु सरकार ने उन्हें सम्मानित किया।
अपना 72 लाख का कर्ज खुद चुका रहे वीरमुथुवेल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने उन्हें और उनके 8 सहयोगियों को 25-25 लाख रुपये देकर सम्मानित किया, जिसे उन्होंने डोनेट कर दिया है। यह पैसे उन संस्थानों के पूर्व छात्र संघों को दान किए गए हैं, जहां उन्होंने पढ़ाई की। डॉ. वीरमुथुवेल कहते हैं कि मैंने जो किया देश के लिए किया। नौकरी अलग बात है और देश को इतना बड़ा मुकाम दिलाना देशसेवा है। मेरी अंतरात्मा मुझे इतना बड़ा पुरस्कार लेने की इजाजत नहीं दे रही थी, इसलिए पैसे को दान करना अच्छा विकल्प लगा। बेशक मैं एक गरीब परिवार में पला हूं। सरकारी स्कूल में पढ़ता था। घर में काफी आर्थिक तंग देखी। एक लाख सैलरी है, पर मेरे लिए पैसा मायने नहीं रखता। डॉ. वीरमुथुवेल ने अपना घर बनाने के लिए स्टेट बैंक से 72 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जिसे वह खुद चुका रहे हैं।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग में वीरमुथुवेल का अहम योगदान
बता दें कि एक हजार वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट पर काम किया था। अगस्त 2023 में उनकी मेहनत रंग लाई और भारत चांद पर पहुंच गया। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की। इसके बाद भारत साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का इकलौता देश बन गया। एस सोमनाथ एयरोस्पेस इंजीनियर हें। उन्होंने व्हीकल मार्क-3 रॉकेट के डिजाइन में मदद की थी। इसी बाहुबली रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में भेजा गया। वीरमुथुवेल पी दूसरे चंद्र मिशन से भी जुड़े थे। लैंडर विक्रम पिछली बार लैंड करने में असफल हो गया था। उन्होंने उस वक्त की गलतियों को सुधारते चंद्रयान-3 की तकनीकी को शक्तिशाली बनाया और चंद्रयान को चांद तक पहुंचाया। 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया गया था। 5 अगस्त को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया। यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन है। दूसरा मिशन चंद्रयान-2 2019 में फेल हो गया था।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.