चंद्रबाबू नायडू-अमित शाह की मुलाकात में क्या हुई बात? BJP ने दक्षिण का दुर्ग जीतने के लिए बनाया खास प्लान
Chandrababu Naidu NDA Meeting
Chandrababu Naidu Amit Shah Meeting: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के एक बार फिर एनडीए में शामिल होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। कहा जा रहा है कि किसी भी वक्त गठबंधन का ऐलान हो सकता है। बुधवार रात चंद्रबाबू नायडू अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे। इस मीटिंग में क्या बात हुई और बीजेपी का दक्षिण का दुर्ग जीतने के लिए क्या प्लान है, आइए जानते हैं।
बीजेपी आंध्र प्रदेश में 10 लोकसभा सीटें चाहती है
माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू और अमित शाह के बीच हुई इस मीटिंग में सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई है। साथ ही गठबंधन के फॉर्मूले को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आंध्र प्रदेश में 10 लोकसभा सीटें चाहती है। हालांकि इस पर फैसला आने वाले कुछ दिनों में होगा। खास बात यह है कि आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं। ऐसे में ये मीटिंग और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।
2018 में NDA से अलग हो गई थी TDP
आंध्र प्रदेश में टीडीपी और बीजेपी गठबंधन को लेकर जल्द ही बड़ा ऐलान किया जा सकता है। आपको बता दें कि 2014 से लेकर 2018 तक चंद्रबाबू नायडू एनडीए में शामिल थे, लेकिन 2018 में वह एनडीए से अलग हो गए। 2014 में बीजेपी ने संयुक्त आंध्र प्रदेश (तेलंगाना बनने से पहले) की 42 में से तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। इन सभी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। अब आंध्र प्रदेश में 25 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने के बाद टीडीपी को सिर्फ तीन लोकसभा सीटों से संतोष करना पड़ा था।
वाईएसआर कांग्रेस भी चाहती है NDA का साथ
जबकि विधानसभा में भी उसे वाईएसआर कांग्रेस ने झटका दिया था। वाईएसआर ने 175 में से 151 सीटें जीती थीं। जबकि टीडीपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में आंध्र प्रदेश में टीडीपी की डूबती नैया को एनडीए का सहारा मिल सकता है। खास बात यह है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस भी एनडीए के साथ शामिल होना चाहती है। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू पहले ही बाजी मार लेना चाहते हैं।
दक्षिण के दुर्ग पर नजर
बता दें कि इस बार एनडीए ने लोकसभा चुनावों में 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है। उसे दक्षिण से हमेशा चुनौती मिलती रही है। दक्षिण भारत के आठ राज्यों की 132 सीटों में से पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महज 29 सीटों से संतोष करना पड़ा था। हालांकि ये तब भी उसका अब तक का अच्छा प्रदर्शन था, लेकिन इस बार बीजेपी यहां अपनी सीटें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
टीडीपी को बढ़त
पिछले लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस तरह बीजेपी दक्षिण भारत की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर इस आंकड़े को आसानी से पार कर सकती है। एक सर्वे में भी टीडीपी को लोकसभा की 25 में से 17 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि टीडीपी भी बीजेपी की जरूरत है।
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