मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को स्वीडन के स्टॉकहोम में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (International IDEA) की काउंसिल की 2026 के लिए चेयरशिप संभाल ली है. भारत को यह सम्मान पहली बार मिला है और यह चेयरशिप 2033 तक के लिए भारत के पास रहेगी. जानकारी के लिए बता दें कि इस संगठन के 14 संस्थापक सदस्यों में भारत भी शामिल है और यह पद सदस्य देशों के बीच क्रमवार बदलता रहता है.
चुनाव आयोग के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह जिम्मेदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने विश्व के सबसे भरोसेमंद और नवोन्मेषी चुनाव प्रबंधन निकाय के रूप में अपनी विश्वसनीयता को साबित किया है.भारत के स्वीडन में राजदूत अनुराग भूषण भी इस समारोह में मौजूद थे.
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ज्ञानेश कुमार ने विशाल लोकतंत्र का किया जिक्र
ज्ञानेश कुमार ने पद को स्वीकार करते हुए अपनी स्पीच में देश के विशाल लोकतंत्र का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि भारत में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 900 मिलियन से अधिक मतदाता हैं, जो विश्व के मतदाताओं का बड़ा हिस्सा हैं. आज़ादी के बाद से भारत ने 18 लोकसभा और 400 से अधिक विधानसभा चुनावों का सफल संचालन किया है, जिससे यह अनुभव जुटाया है कि कैसे पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस चेयरशिप के दौरान वह सभी लोकतांत्रिक देशों के सहयोग से दुनिया भर में लोकतंत्र की पारदर्शिता और चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाएंगे.
कब हुई थी DEA की स्थापना?
इंटरनेशनल IDEA की स्थापना 1995 में हुई थी, यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक संस्थानों और चुनावी प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना है. इस संगठन में अभी 37 देश सदस्य हैं, जिनमें अमेरिका और जापान जैसे पर्यवेक्षक भी शामिल हैं. भारत पहले से ही इस संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, जिससे लोकतांत्रिक विमर्श और चुनावी सुधारों को बढ़ावा मिलता है.