Manipur Riots: मणिपुर में हुए दंगों को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) एक्शन में आ गया है। शुक्रवार को 6 केस दर्ज किए हैं। साथ ही कथित साजिश की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता डीआईजी रैंक के अफसर कर रहे हैं। 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि 35 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए।
सीबीआई जांच करेगी कि क्या हिंसा महज जातीय संघर्ष थी या पूर्व नियोजित थी। हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में 3,700 से अधिक केस दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा इंफाल पश्चिम जिले में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें कांगपोकपी और बिष्णुपुर अहम हैं।
शाह ने नगा विधायकों के साथ की बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगा विधायकों के साथ एक बैठक की। शाह उनसे कुकी और मैतेई समुदायों के बीच एक मध्यस्थ के रुप में काम करने की अपील की। शाह ने यह अपील कुकी विधायकों द्वारा अलग प्रशासन की मांग और नागा विधायकों द्वारा इस मांग से दूरी बनाए जाने की बात के बाद की है। जिन छह पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है, वे ज्यादातर नगा बहुल क्षेत्र हैं।
केंद्र ने दी 101.75 करोड़ रुपये का राहत पैकेज
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। पिछले 48 घंटों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गृह मंत्रालय (MHA) ने मणिपुर में विस्थापित लोगों की सहायता के लिए 101.75 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी है।
अब तक 896 असहले बरामद
मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद पुलिस शस्त्रागार और शिविरों से 4 हजार से अधिक हथियार लूट लिए गए। हालांकि, सुरक्षा बलों ने अब तक कुल 896 हथियार, 11,763 गोला-बारूद और 200 विभिन्न प्रकार के बम बरामद किए हैं, जिसमें बुधवार से 28 और हथियार बरामद किए गए हैं।
पहाड़ी जिलों में 8-10 घंटे कर्फ्यू में ढील
घाटी के पांच जिलों में कर्फ्यू में 12 घंटे और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में आठ से दस घंटे की ढील दी गई है। एनएच-37 के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित की गई है। राज्य और केंद्रीय बलों की संयुक्त टीमों ने भी राज्य के कई हिस्सों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
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