कावेरी जल विवाद को लेकर आज बेंगलुरु बंद, शुक्रवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान
Cauvery Water Dispute Bengaluru Band : कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में घमासान तेज होता दिख रहा है। इसको लेकर कर्नाटक के किसान संगठनों ने आज बेंगलुरु बंद का ऐलान किया है। किसान संगठनों के इस बंद के ऐलान को देखते हुए एहतियातन बेंगलुरु के कई इलाकों में धारा-144 लागू कर दी गई है। शहर के सभी स्कूल और कॉलेज भी बंद हैं।
इस सिलसिले कर्नाटक के किसान संगठनों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। दरअसल कर्नाटक के किसान संगठन तमिलनाडु को पानी देने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
क्या है कावेरी जल विवाद
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। आजादी से पहले साल 1892 और 1924 में मद्रास प्रेसीडेंसी और मैसूर साम्राज्य के बीच हुए कावेरी जल को लेकर दो समझौतों हुए थे। दोनों रियासतों के बीच कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर सहमति भी बनी थी।
आजादी के बाद भी कावेरी जल को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में विवाद बना रहा। 1990 में इस विवाद को सुलझाने के लिए कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की भी स्थापना की गई, लेकिन दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद नहीं सुलझा।
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। देश की सर्वोच्च अदालत ने 2018 में अपने फैसले में कर्नाटक को जून और मई के बीच तमिलनाडु के लिए 177 टीएमसी (TMC) पानी छोड़ने का निर्देश दिया। लेकिन अब कर्नाटक से तमिलनाडु 15,000 क्यूसेक और पानी छोड़ने की मांग कर रहा है। इसके बाद कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण ने कर्नाटक को 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया।
तमिलनाडु का आरोप है कि कर्नाटक ने 10,000 हजार क्यूसेक पानी अबतक नहीं छोड़ा है। वहीं कर्नाटक का कहना है कि इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण कावेरी नदी पर्याप्त जल भंडार नहीं है। ऐसे में तमिलनाडु के लिए इतना पानी छोड़ना मुमकिन नहीं है।
और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.