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कैप्टन Geetika Koul दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली Medical Officer बनीं

Captain Geetika Koul सियाचिन युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला मेडिकल अफसर बन गई हैं। उनकी ट्रेनिंग पूरी हो गई है। यह उपलब्धि हासिल करके उन्होंने इतिहास रचा है।

Captain Geetika Koul
Captain Geetika Koul Creates History: भारतीय सेना के इतिहास में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। आर्मी से जुड़ीं कैप्टन गीतिका कौल ने इतिहास रचा है। वे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला मेडिकल अफसर बन गई हैं। कैप्टन आर्मी की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स और स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की मेंबर हैं। सियाचिन बैटल स्कूल से बहुत हार्ड ट्रेनिंग लेने के बाद वे सियाचिन में तैनात हो गई हैं। गीतिका ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। उन्होंने भारतीय सेना का यह ऐतिहासिक मौका देने के लिए आभार जताया और कहा कि वे देश के लिए अपना हर फर्ज निभाई। अपनी जान दांव पर लगाने को तैयार हैं। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करके जानकारी दी।  

जनवरी 2023 में कैप्टन शिवा की तैनात हुई थी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गीतिका से पहले कैप्टन शिवा सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं। सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की सदस्य शिवा को जनवरी 2023 में उन्हें वहां कुमार पोस्ट पर पोस्टिंग मिली थी। सियाचिन बैटल स्कूल में कैप्टन शिवा को भी हार्ड ट्रेनिंग मिली। इस ट्रेनिंग के दौरान कई-कई घंटे बर्फ की दीवार पर चढ़ना सिखाया जाता है। लैंड स्लाइड होने पर खुद का, अपने साथियों का बचाव करना सिखाया जाता है। कई तरह के मुश्किल काम देकर सब्र की परीक्षा ली जाती है। शिवा राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली हैं। NIT उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने आर्मी में आने का फैसला लिया। 11 साल की उम्र में पिता को खो चुकी शिवा को मां ने इस मुकाम पर पहुंचाया। मई 2021 में शिवा सेना की इंजीनियर रेजिमेंट में शामिल हुई थीं।

क्या है सियाचिन और वहां के हालात?

सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। भारत और पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण एरिया है। यह हिमालय के काराकोरम रेंज के पूर्वी भाग में समुद्र तल से करीब 5753 मीटर (20 हजार फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से भारतीय सेना लेह, लद्दाख और चीन पर नजर रखती है। इस एरिया में करीब 10 हजार सेना के जवान तैनात हैं। यहां का तापमान अकसर माइनस में रहता है। सियाचिन को 1984 में भारतीय सेना ने अपना मिलिट्री बेस कैंप बनाया था। यह तैनात जवानों पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। माइनस तापमान और कमर तक जमी बर्फ में चलकर सेना के जवान दुश्मनों से देश की रक्षा करते हैं।


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