TrendingIndigovande mataramsir

---विज्ञापन---

‘लड़कियों को 2 मिनट के आनंद के बजाय सेक्स की इच्छा पर कंट्रोल रखना चाहिए’…High Court ने क्यों दी नसीहत?

Calcutta high court verdict in rape case: कलकत्ता हाई कोर्ट ने रेप मामले में एक युवक को बरी करते हुए तल्ख टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि लड़कियों को अपनी सेक्स इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने बढ़ रहे पोक्सो मामलों को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने रेप मामले की सुनवाई की। फोटो क्रेडिट-एएनआई
Calcutta high court verdict in rape case: कलकत्ता हाई कोर्ट में रेप मामले में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को बरी कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने युवाओं को सीख दी है। कोर्ट ने कहा है कि जवान लड़कियों को दो मिनट आनंद के बजाय अपनी सेक्सुअल इच्छाओं को कंट्रोल में रखना चाहिए। लड़कों को भी महिलाओं और लड़कियों की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। महिलाओं की शारीरिक स्वायत्तता का ध्यान भी रखना चाहिए। यह भी पढ़ें-‘पति को परिवार के साथ मिलती है खुशी’…HIGH COURT ने दी डिमेंशिया पीड़ित 92 साल के पति को पत्नी से मिलने की इजाजत न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन की खंडपीठ ने नाबालिग लड़की से रेप मामले में युवक को बरी करने का फैसला सुनाया। युवक का लड़की से अफेयर था, जिसको दोषी ठहराया जा चुका था। कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों को बचाने को बनाए संरक्षण अधिनियम (POCSO) को लेकर भी चिंता जाहिर की। किशोरों के बीच सहमति से बने संबंधों को यौन शोषण का नाम दिया जा रहा है। वहीं, कोर्ट ने उन यौन कृत्यों को भी क्राइम से बाहर करने का आह्वान किया है, जिसमें किशोरों की उम्र 16 साल से ऊपर हो चुकी है। लेकिन इनके संबंध सहमति से बने हैं। अधिकार आधारित यौन शिक्षा का आह्वान भी न्यायालय की ओर से किया गया है। कोर्ट ने कहा कि एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड टेस्टोस्टेरोन महिलाओं और पुरुषों में होता है। महिलाओं में अंडाशय और पुरुषों में वृषण होता है।

कामेच्छा अपने आप पैदा नहीं होती

हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथी से टेस्टोस्टेरोन को कंट्रोल किया जाता है। यही पुरुषों में कामेच्छा के लिए रिस्पांसिबल होता है। हाई कोर्ट ने कहा कि कामेच्छा अपने आप नहीं होती। यह देखने, विपरित लिंग के साथ बात करने, कामुक किताब पढ़ने या सुनने से होती है। यौन क्रिया के लिए खुद जिम्मेदार होते हैं। कोर्ट ने कहा कि किशोरों में सेक्स असामान्य नहीं है। लेकिन कुछ कामों में यौन इच्छा निर्भर करती है। यह भी पढ़ें-जिम ट्रेनर ने 13 साल की किशोरी का रेप किया, होटल में एंट्री के लिए दिया 21 वर्ष की लड़की का आधार कार्ड अगर कुछ क्रियाएं बंद कर दें, तो उत्तेजना साधारण नहीं रह जाती है। कोर्ट ने युवाओं को नसीहत दी कि लड़की और लड़के को अपने कर्तव्यों का सम्मान करना चाहिए। लड़कों में महिलाओं के लिए गरिमा होनी चाहिए। किशोरों का मार्गदर्शन करने की जरूरत है। इसकी शुरुआत घर से हो। माता और पिता ही पहले टीचर होते हैं।


Topics:

---विज्ञापन---