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BJP ने येदियुरप्पा के बेटे और पहली बार विधायक बने विजयेंद्र को क्यों बनाया कनार्टक प्रदेशाध्यक्ष? समझें सियासी मायने

BS Yediyurappa son BY Vijayendra appointed as Karnataka BJP President: विजयेंद्र कर्नाटक के दसवें भाजपा राज्य प्रमुख होंगे।

BS Yediyurappa son BY Vijayendra appointed as Karnataka BJP President
BS Yediyurappa son BY Vijayendra appointed as Karnataka BJP President: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र येदियुरप्पा को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया है। वह नलिन कुमार कतील का स्थान लेंगे, जिन्हें 2019 में राज्य भाजपा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। विजयेंद्र कर्नाटक के दसवें भाजपा राज्य प्रमुख होंगे। भाजपा ने एक बयान में कहा, “भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने विधायक विजयेंद्र येदियुरप्पा को कर्नाटक भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होती है।” पहली बार विधायक बने विजयेंद्र का प्रदेशाध्यक्ष बनना चौंकाने वाला है। राज्य बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच इस पद के लिए होड़ थी। शोभा करंदलाजे, सीटी रवि और वी. सुनील कुमार जैसे वरिष्ठ नेता इस पद के लिए दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने राज्य में कई भाजपा नेताओं से कनिष्ठ विजयेंद्र को चुना। आखिर उन्हें ये पद क्यों दिया गया, आइए समझते हैं सियासी मायने...

अनुभवी लिंगायत नेता के स्थायी प्रभाव की मान्यता

सियासी जानकारों के अनुसार, यह निर्णय पार्टी द्वारा अपने राजनीतिक परिदृश्य पर अनुभवी लिंगायत नेता के स्थायी प्रभाव की मान्यता को उजागर करता है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं। लिंगायत को वीरशैव भी कहा जाता है। ये दक्षिण भारत में व्यापक हिंदू संप्रदाय के सदस्य हैं, जो शिव को एकमात्र देवता के रूप में पूजते हैं। यहां वोटर्स के लिहाज से लिंगायत समुदाय की ​करीब 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। माना जाता है कि हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में ये वोटर्स येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाए जाने के बाद बीजेपी से दूर हो गए थे। कहा जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नाराज लिंगायत वोटर्स को साधना चाहती है। साथ ही बीजेपी ने चुनावी राजनीति छोड़ चुके येदियुरप्पा पर एक बार फिर भरोसा जताया है। खास बात यह है कि दो साल पहले कनार्टक के पार्टी विधायकों और नव नियुक्त मंत्रियों ने दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से सरकार के कामकाज में सीएम के पुत्र बीवाई विजयेंद्र की दखलंदाजी को लेकर शिकायत की थी। कहा जा रहा था कि येदियुरप्पा के सीएम पद छोड़ने की एक वजह ये भी रही थी, हालांकि अब बीजेपी एक बार फिर कनार्टक के कद‌्दावर येदियुरप्पा परिवार पर विश्वास जताती नजर आ रही है।

पिता की सीट से बने हैं विधायक

हाल के विधानसभा चुनावों में विजयेंद्र ने शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में जीत हासिल की थी। जिसका प्रतिनिधित्व कभी उनके पिता बीएस येदियुरप्पा करते थे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक दक्षिणी राज्य में विपक्ष के नेता (एलओपी) की घोषणा नहीं की है, जहां उसने विधानसभा चुनावों में जनादेश खो दिया है। हालांकि चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने भगवा पार्टी को सत्ता बरकरार रखने में मदद करने के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य भर में भाजपा के लिए व्यापक प्रचार किया था। उन्होंने अपने बेटे के लिए शिकारीपुरा में प्रचार भी किया और अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से विजयेंद्र को भारी बहुमत से जिताने में मदद की अपील की थी।

येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी

47 साल के विजयेंद्र को अक्सर येदियुरप्पा का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है, उन्होंने मई के चुनावों में कांग्रेस के हाथों भाजपा की हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन के बारे में महीनों की अटकलों के बाद यह पद संभाला है। पहले से ही यह अनुमान लगाया गया था कि भाजपा इस भूमिका के लिए एक लिंगायत नेता को चुनेगी। बीजेपी ने शुक्रवार को इस पर मुहर लगा दी। इससे येदियुरप्पा के राजनीतिक महत्व का भी पता चलता है। जानकारों के अनुसार, चुनावी राजनीति से हटने के बावजूद येदियुरप्पा का प्रभाव स्पष्ट बना हुआ है। विशेष रूप से येदियुरप्पा के बड़े बेटे बी वाई राघवेंद्र, लोकसभा सांसद के रूप में कार्यरत हैं, हालांकि भाजपा पारंपरिक रूप से सक्रिय राजनीति में परिवार के कई सदस्यों का समर्थन करने से बचती रही है।


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