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भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ ‘आतंक का काल’ ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन, जानें इसकी खासियतें

Black Hornet Nano Drone: भारतीय सेना ने अपने बेडे़ में ‘आतंक का काल’ कहे जाने वाले ब्लैक हार्नेट ड्रोन को शामिल कर लिया है। ये देश का सबसे छोटा ड्रोन बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस ब्लैक हार्नेट ड्रोन का इस्तेमाल आतंक के खिलाफ ऑपरेशन में सर्विलांस के लिए किया जा रहा है। […]

Black Hornet Nano Drone: भारतीय सेना ने अपने बेडे़ में 'आतंक का काल' कहे जाने वाले ब्लैक हार्नेट ड्रोन को शामिल कर लिया है। ये देश का सबसे छोटा ड्रोन बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस ब्लैक हार्नेट ड्रोन का इस्तेमाल आतंक के खिलाफ ऑपरेशन में सर्विलांस के लिए किया जा रहा है। सर्विलांस के अलावा ब्लैक हार्नेट ड्रोन का यूज रूम इंटरवेंशन और रैकी के दौरान भी किया जा रहा है। इस छोटे साइज के ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये दुश्मन की निगाहों से बच सकता है और ये किसी रडार में पकड़ में नहीं आता। साइज के छोटे होने की वजह से ये पलक झपकते ही अपने मिशन को पूरा कर लौट आता है। फिलहाल, इस ड्रोन का यूज स्पेशल फोर्सज कर रही हैं।

बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना है ब्लैक हॉर्नेट नैनो ड्रोन

ब्लैक हॉर्नेट नैनो ड्रोन मानवरहित (UAV) है, जिसे दुश्मनों की निगरानी और उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है। ये साइज में बिलकुल छोटा, हल्का है। हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों से ये ड्रोन लैस होता है। इस ड्रोन के जरिए रियल टाइम में डेटा और खुफिया जानकारी जुटाई जा सकती है। ब्लैक हॉर्नेट को नॉर्वेजियन कंपनी प्रॉक्स डायनेमिक्स एएस ने बनाया है। इसे 2016 में FLIR सिस्टम्स की ओर से $134 मिलियन (11,13,41,06,900 रुपये) में एक्वॉयर किया गया था। ड्रोन को 2011 में पेश किया गया था और इसमें कई तरह के चेंज किए गए थे। ब्लैक हॉर्नेट 3 इसका लेटेस्ट वर्जन है। इस ड्रोन की कीमत 1.6 करोड़ रुपये है। इसका वजन 1.16 औंस है और इसकी लंबाई 6.6 इंच है। ये ड्रोन 13.42 मील प्रति घंटे की गति पर 25 मिनट तक उड़ान भर सकता है। ये ड्रोन 2 किलोमीटर तक के एरिया को कवर कर सकता है और 10 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। दिन, रात, आंधी, तूफान, बारिश का इस ड्रोन पर कोई असर नहीं होता है। ये यूजर को लाइव हाई-डेफिनिशन विजुअल और थर्मल वीडियो भेज सकता है। फिलहाल, भारत के अलावा इसे अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, नॉर्वे और यूक्रेन ब्लैक हार्नेट ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।


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