नई दिल्ली (कुमार गौरव)। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा ने हर समाज तक पहुंचने के लिए अलग अलग योजना बनाई है। भाजपा हर वो छोटे-बड़े अभियान में लगी है, जिससे वोटों का आंकड़ा बढ़ सके। भाजपा माइक्रो स्तर पर वोट नॉमिक्स में लगी हुई है। इसीलिए पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर कई अभियानों का एलान पहले कर चुकी है।
देश में 18 फीसदी है एससी आबादी
भाजपा अब एक नया अभियान शुरू करने वाली है। यह अभियान देश की 18% एससी आबादी को साधने के लिए शुरू हो रहे है। भाजपा की नजर दलितों और अनुसूचित जाति के बड़े वोट बैंक पर है। इस समाज में पैठ बनाने के लिए भाजपा बड़े अभियान को जल्द ही शुरू करने जा रही है। इनको साधने के लिए पार्टी के तमाम नेता 14 अप्रैल से 5 मई तक देश भर की दलित बस्तियों में प्रवास करेंगे।
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14 अप्रैल से देशभर में शुरू होगा घर-घर जोड़ो अभियान
14 अप्रैल अंबेडकर जयंती से 5 मई बुध जयंती तक पार्टी देशभर में 'घर-घर जोड़ो' अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत भाजपा ने सरकारी योजनाओं के लाभ से अब तक वंचित दलित परिवारों को योजनाओं का लाभ दिलाने की तैयारी है। इतना ही नहीं अभियान के समापन पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बड़ा कार्यक्रम होगा। पार्टी की योजना पीएम मोदी से दलित समुदाय के इस बड़े कार्यक्रम को संबोधित करवाने की है।
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सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएगे पार्टी
जानकारी के मुताबिक लाभार्थी वर्ग से संपर्क का कार्यक्रम भाजपा को लगातार चुनाव में फायदा पहुंचा रहा है। इसी के तहत वंचित समाज के जो लोग मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाए हैं, उनको लाभार्थी वर्ग में शामिल करने के लिए भाजपा इस अनोखे अभियान की शुरुआत करने जा रही है।
भाजपा एसपी मोर्चा अध्यक्ष लाल सिंह आर्य संभालेंगे कमान
दरअसल पार्टी के एससी मोर्चा को एक रिपोर्ट मिली थी कि देशभर में एससी समाज के बहुत सारे लोग सरकारी झमेले की वजह से योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। लिहाजा भाजपा के एससी मोर्चा के अध्यक्ष लाल सिंह आर्य के नेतृत्व में पार्टी ने घर-घर जोड़ो अभियान के तहत लोगों को मदद की योजना बनाई है। इस अभियान के तहत भाजपा इस समाज के सभी वंचित लाभार्थियों को तमाम मदद पहुंचाएगी ताकि वो भी लाभार्थी वर्ग ने शामिल हो सकें।
देश में कुल एससी की कुल 84 सीटें
देशभर में एससी और पिछड़े समाज के प्रभाव और रिजर्वेशन वाली 84 लोकसभा सीट हैं, जिसमें भाजपा के पास अभी 46 सीटें हैं। भाजपा चाहती है कि घर-घर जोड़ो अभियान यानी 'लाभार्थी बनाओ अभियान' और उनको पार्टी से जोड़ो अभियान के तहत वो इन 84 सीटों में से 60-70 सीट अपनी झोली में आएं। इससे पार्टी और आम आदमी दोनों का फायदा होगा।
दरअसल एससी यानी पिछड़े वर्ग के लोग उन राज्यों में बड़ी संख्या में हैं, जहां भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अगर इस कार्यक्रम के तहत इन राज्यों के पिछड़े वर्ग तक पार्टी की पहुंच हो जाती है तो पार्टी को काफी फायदा होगा। उदाहरण के तौर पर पंजाब जहां भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं है, वहां एससी समाज के सबसे अधिक 34 फीसदी वोटर हैं।
इन राज्यों में इतने फीसदी हैं एससी वोटर
हिमाचल प्रदेश दूसरा बड़ा राज्य है, जहां भाजपा विधानसभा चुनाव हारी है। वहां पिछड़े वर्ग के वोटर 25 फीसदी के आसपास हैं। पश्चिम बंगाल जहां भाजपा के सामने अपने लोकसभा के प्रदर्शन को दोहराने की बड़ी चुनौती है, वहां पिछड़े वर्ग के वोटर की संख्या 28 फीसदी है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, वहां इस वर्ग की संख्या 18 फीसद है।
वही आंध्र प्रदेश में इस वर्ग के 16 फीसदी वोटर हैं। बिहार में 16 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 13 फीसदी, हरियाणा में 20 फीसदी, महाराष्ट्र में 12 फीसदी, उत्तरप्रदेश में इस वर्ग के 21 फीसदी, दिल्ली में 17 फीसदी वोटर एससी समाज से हैं।
2023 के चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में 17 फीसदी एससी वर्ग के वोटर हैं। यहां उनको लुभाने के लिए भाजपा घर-घर जोड़ो अभियान से पहले अंबेडकर महाकुंभ समेत तमाम तरह के कार्यक्रम कर रही है।
कर्नाटक में 41 सभाएं कर रही हैं भाजपा
वहीं दूसरे चुनावी राज्य कर्नाटक में एससी समाज 17 फीसदी हैं। उनको अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा का एससी मोर्चा पहले ही मैदान में उतर चुका है। भाजपा वहां एससी समाज के लिए अलग से 41 सभा कर रही है, जो दो मार्च से शुरू हो चुकी हैं और 30 मार्च तक चलेंगी।
दरअसल भाजपा की नजर देशभर के एससी समाज के इस 18 फीसदी वोट बैंक पर है। लिहाजा राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा इस समाज को फोकस करके कई आउटरीच कार्यक्रम चलाने जा रही है।