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5 बिल पेश, 4 हुए पास, 39 बैठकें, संविधान पर चर्चा…किरेज रिजिजू ने जताई शीतलकालीन सत्र की वर्किंग से अंसतुष्टि

Parliament Winter Session 2024: संसद के शीतकालीन सत्र का आज समापन हो गया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके संसद की वर्किंग पर बात की और संसद की प्रोडक्टिविटी पर अंसतुष्टि जताई।

Kiren Rijiju
BJP Minister Kiren Rijiju Press Conference: आज संसद के शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। 25 नवंबर से शुरू हुआ सत्र आज 20 दिसंबर को हंगामे के बीच खत्म हो गया। भाजपा और कांग्रेस में इस बार 2 मुद्दों पर खूब बवाल हुआ। इसलिए 2 दिन दोनों सदनों में कोई काम नहीं हो पाया। परिणामस्वरूप आज दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए है। इसके बाद भाजपा की मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और संसद के शीतकालीन सत्र की वर्किंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में लोकसभा का प्रोडक्टिव रेट 54.5 प्रतिशत और राज्यसभा का प्रोडक्टिविटी रेट 40 प्रतिशत रहा। इस प्रोडक्टिविटी से संतुष्टि नहीं हुई और ससंद का प्रोडक्टिविटी कम होना ठीक नहीं है।  

संसद सत्र की कार्यवाही इस तरह रही

किरेन रिजिजू ने बताया कि साल 2024 का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था और आज 20 दिसंबर को खत्म हुआ। 25 दिन चले सत्र में 20 बैठक लोकसभा की और 19 राज्यसभा की बैठकें हुईं। 5 बिल लोकसभा में रखे गए और 4 बिल पास हुए। वायुयान बिल दोनों सदनों से पारित हुआ है। सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस मनाया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया। लोकसभा में 15 घंटे 43 मिनट संविधान पर चर्चा हुई, जिसमें 62 संसद सदस्यों ने हिस्सा लिया। राज्यसभा में 17 घंटे से ज्यादा संविधान पर चर्चा हुई, जिसमें 80 सांसदों ने हिस्सा लिया। 129वां संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया गया। वन नेशन वन इलेक्शन बिल स्वीकार किया गया। आज आखिरी दिन इस बिल के लिए JPC का गठन करके सत्र का समापन कर दिया गया। यह भी पढ़ें:Om Prakash Chautala के कुनबे में कौन-कौन? जानें कितने मेंबर राजनीति में और कौन गुमनाम?

प्रोडक्टिविटी रेट बढ़ाने पर दिया जोर

किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें प्रोडक्टिविटी रेट बढ़ाने का काम करना चाहिए, उसको कम करने का नहीं। सबसे अधिक नुकसान देश के उन सांसदों को है, जो सवाल नहीं पूछ पाते। कुछ सांसदों के हंगामे की वजह से संसद का और देश का नुक़सान होगा। हंगामा करके संसद की कार्यवाही बाधित करने से देश का नुक़सान होता है। जो इंसिडेंट हुआ, सांसदों को चोट लगी, यह अच्छी बात नहीं है। यहां अपनी बात रखनी चाहिए, न कि हाथ पांव चलाए जाएं। संसद परिसर में हंगामा न हो, इसके लिए सख्त निर्देश भी दिया गया है। हम सब मिलकर उसका पालन करेंगे यह भी पढ़ें:Parliament Winter Session 2024 आज खत्म, लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, वन नेशन वन इलेक्शन के लिए JPC गठित


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