why election ink on left hand: 6 नवंबर यानी कल बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज के मतदान होने हैं. चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. कल सुबह 7 बजे से लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने के लिए पोलिंग बूथ पर इकट्ठा होंगे.
जब आप किसी भी पोलिंग बूथ पर वोटिंग करने जाते हैं, तो आपने देखा होगा कि मतदाता की उंगली पर एक स्याही लगाई जाती है. जिससे पहचान होती है कि वोटर मतदान कर चुका है और वो दोबारा वोटिंग न कर सके. इस तरह की डुप्लीकेसी को रोकने के लिए ही ये व्यवस्था की गई है. और ये स्याही किसी भी वोटर के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर ही लगाई जाती है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि अगर किसी मतदाता की उंगली ही नहीं हो तो फिर उसको स्याही कहां पर लगाई जाती हैं? अगर नहीं… तो आज हम आपको इस खबर में आज यहीं बताने वाले हैं.
---विज्ञापन---
हाथ की किस उंगली में लगाई जाती है स्याही?
दरअसल, जो लोग वोट डालते हैं उनके लिए चुनाव आयोग की अपनी कुछ गाइडलाइंस हैं. जिसके अनुसार, वोट डालने वाले व्यक्ति के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही लगाई जाती है. एक ब्रश से नाखून के ऊपर से पहली गांठ तक ये अमिट स्याही मतदाता की उंगली पर लगाई जाती है.
---विज्ञापन---
क्यों लगाई जाती है उंगली पर स्याही?
वोट करने वाले मतदाता की तर्जनी उंगली पर इसलिए लगाई जाती है ताकि कोई भी वोटर दोबारा से अपना वोट न डाल सके और फर्जीवाडे को रोका जा सके. ये स्याही ऐसी होती है जिसे आसानी से नहीं मिटाया जा सकता है. वोटर की उंगली पर ये स्याही कम से कम एक हफ्ते लग वैसी ही लगी रहती है और समय के साथ धीरे-धीरे हटती है.
बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर ही क्यों लगाई जाती है स्याही?
वोटिंग के समय दाएं हाथ की किसी दूसरी उंगली पर इंक इसलिए नहीं लगाई जाती है क्योंकि खाना खाने के लिए हम सभी ज्यादातर दाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से इंक में मौजूद केमिकल स्वास्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. यही कारण है कि बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर ही वोटिंग इंक लगाई जाती है.
जिनकी उंगलियां न हो उन्हें कहां लगाई जाती है नीली स्याही?
अगर किसी व्यक्ति के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली नहीं है तो ऐसी स्थिति में उसके बाएं हाथ की किसी भी उंगली में स्याही लगाई जा सकती है, लेकिन अगर ऐसा हो कि बाएं हाथ पर कोई उंगली नहीं है, तो फिर दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर नीली स्याही लगाई जाती है जिससे ये पहचान हो सके कि वो व्यक्ति अपने वोट का इस्तेमाल कर चुका है.
अगर किसी व्यक्ति के दोनों हाथ न हो तो क्या होगा?
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के लिए पहुंचा है लेकिन उसके दोनों हाथ नहीं है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति के पैर के अंगूठे पर चुनावी स्याही लगाई जाती है. जिससे भी पहचान होती है कि वो व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुका है.
यह भी पढ़ें- वोटिंग के दौरान उंगली पर लगाई जाने वाली नीली स्याही कहां से आती है? जानें क्या है इसका इतिहास