इन दिनों सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ सी आ गई है। कोई नकली चिट्ठी वायरल हो रही है, तो कहीं पुरानी तस्वीर को नया बताया जा रहा है। खास बात ये है कि इन अफवाहों के पीछे पाकिस्तान से चल रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स का हाथ है। भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने समय रहते इन झूठी खबरों का पर्दाफाश कर दिया है। PIB ने लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि वे सिर्फ सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें और किसी भी खबर की सच्चाई जांचे बिना उसे आगे न बढ़ाएं।
फर्जी पत्र पर फैक्ट चेक अलर्ट
भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने एक नकली पत्र को लेकर लोगों को सावधान किया है। यह फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और इसमें दावा किया गया है कि इसे भारत के रक्षा मंत्री ने लिखा है। PIB ने साफ-साफ कहा है कि यह पत्र पूरी तरह से झूठा है और इसका मकसद लोगों को गुमराह करना है। यह नकली पत्र पाकिस्तान से चल रहे कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स से फैलाया जा रहा है। इस पत्र में गलत तरीके से बताया गया है कि यह भारत के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ को भेजा गया है, लेकिन असल में ऐसा कोई पत्र कभी भेजा ही नहीं गया। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की झूठी खबरों पर भरोसा न करें और कोई भी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जांच लें।
पाकिस्तानी अकाउंट फैला रहे दुष्प्रचार
PIB ने बताया है कि यह पाकिस्तान की एक और झूठी कोशिश है, जिसका मकसद भारत के लोगों को धोखे में डालना और देश की सुरक्षा को लेकर गलत सोच फैलाना है। उन्होंने लोगों से कहा है कि ऐसी किसी भी खबर या जानकारी को शेयर न करें, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए। सिर्फ भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें और वहीं से सही जानकारी लें। PIB की फैक्ट चेक टीम ने कहा है कि इस तरह की अफवाहें देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी झूठी खबर को आगे बढ़ाने से बचना चाहिए।
राफेल पायलट की झूठी खबर का भी खुलासा
PIB ने एक और झूठी खबर का सच बताया है, जो भारतीय वायुसेना के एक राफेल पायलट की मौत से जुड़ी है। सोशल मीडिया पर एक पुरानी फोटो वायरल हो रही है। उस फोटो के साथ कहा जा रहा है कि यह 7 मई 2025 को मारे गए एक राफेल पायलट के अंतिम संस्कार की तस्वीर है। PIB ने बताया कि यह दावा पूरी तरह से गलत है। यह फोटो असल में साल 2008 की है और इसका आज की किसी भी घटना से कोई लेना-देना नहीं है। PIB ने लोगों से कहा है कि ऐसी पुरानी और गलत तस्वीरों को सच मानकर शेयर न करें, क्योंकि इससे झूठी बातें फैलती हैं और लोगों में बेवजह डर और भ्रम पैदा होता है।
तस्वीर 2008 की, दावा पूरी तरह फर्जी
PIB ने बताया है कि जिस तस्वीर को राफेल पायलट के अंतिम संस्कार की बताया जा रहा है, वह असल में बहुत पुरानी है। यह फोटो साल 2008 की है, जब गुजरात के बामरौली में 15 स्कूली बच्चियों का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ था। यह तस्वीर उस समय CNN की एक रिपोर्ट में छपी थी, जिसमें भारत में हिंदू अंतिम संस्कारों से होने वाले प्रदूषण की बात की गई थी। लेकिन अब इस फोटो को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। PIB ने कहा है कि इस तरह की पुरानी और गलत तस्वीरों को आज की घटनाओं से जोड़ना पाकिस्तान की अफवाह फैलाने की चाल है। लोगों को चाहिए कि वे ऐसी झूठी बातों से सावधान रहें और बिना पुष्टि के किसी भी खबर या फोटो को शेयर न करें।