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बेंगलुरु में दौड़ेगी बिना ड्राइवर वाली मेट्रो, AI से होगी लैस… जानिए इसके बारे में सबकुछ

Bengaluru’s First Driverless Metro: बेंगलुरु में जल्द ही पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। यह ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी से लैस होगी। ट्रेन के संचालन से लेकर दरवाजे खुलने-बंद होने, लाइट्स ऑन-ऑफ होने और सुरक्षा संबंधी समस्याओं का काम भी ऑटोमेटिक होगा। इसका पहला ट्रायल सफल रहा है।

Bengaluru Driverless Metro Train
Bengaluru’s First Driverless Metro : बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को छह ट्रेन कोच का पहला सेट मिल चुका है। यह सेट कम्युनिकेशन आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का हिस्सा है। इसे यहां के मेट्रो नेटवर्क की येलो लाइन पर चलाया जाएगा जिसका निर्माण अभी किया जा रहा है। अब इसकी सुरक्षा से जुड़े टेस्ट किए जा रहे हैं। 18.8 किलोमीटर लंबी येलो लाइन आरवी रोड और बोम्मासांद्रा को जोड़ेगी और इसी पर पहली ऐसी मेट्रो चलेगी जिसमें ड्राइवर नहीं होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार इसके संचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद ली जाएगी। इस मेट्रो का रूट बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से को शहर के टेक हब से जोड़ेगा, जहां इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी और विप्रो जैसी कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। इस लाइन की शुरुआत होने के बाद होसर रोड पर लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलने की भी उम्मीद है। पूरी तरह से एलीवेटेड इस रूट पर कुल 16 स्टेशन होंगे। यह लाइन बेंगलुरु मेट्रो की ग्रीन लाइन को पिंक लाइन से जोड़ेगी। इस रिपोर्ट में जानिए यह नई मेट्रो ट्रेन कैसी है, किस तरह पहली बार इसमें एआई का इस्तेमाल किया जाएगा और कब से इसमें यात्री सफर कर सकेंगे।

ऑटोमेटिक तरीके से होगा हर काम

इस मेट्रो को सीबीटीसी टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। भारतीय रेलवे की हैंडबुक के अनुसार यह टेक्नोलॉजी एक आधुनिक कम्युनिकेशन बेस्ड सिस्टम है जो ट्रेन की कंट्रोल इनफॉर्मेशन को सही तरीके से और सही समय पर ट्रांसफर करने के लिए रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करता है। बेंगलुरु मेट्रो के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र झा इसे लेकर कहते हैं कि सीबीटीसी का मतलब है कि एक ट्रेन दूसरी ट्रेन से बात कर रही है। इस ट्रेन में हर काम ऑटोमेटिक तरीके होंगे। ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर के जरिए इसकी सुपरविजन क्षमता भी अच्छी होगी। हर सुबह ट्रेन को कंट्रोल सेंटर से वेक अप कमांड मिलेगा। इससे ट्रेन के अंदर की लाइट्स एक्टिवेट हो जाएंगी और इंजिन शुरू हो जाएगा। इसके बाद ट्रेन अपनी टेक्निकल फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमेटिक सेल्फ चेक करेगी। प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से पहले यह अपने आप सफाई के लिए वॉशिंग स्टेशन जाएगी। रात के समय ट्रेन 'स्लीप मोड' में रहेगी। इसके संचालन में एआई अहम भूमिका निभाएगा। ट्रेन पर आगे और पीछे की ओर लगाए गए कैमरे आसानी से विजुअल डाटा कैप्चर कर सकेंगे और एआई पावर्ड सिस्टम सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं का रियल टाइम में पता लगा सकेगा।


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