Bangladesh Train Fire Inside Story: उपद्रवियों ने ट्रेन में आग लगा दी। इसके बाद जो तबाही का मंजर देखने को मिला, उसने लोगों का कलेजा चीर कर रख दिया। ट्रेन के जले हुए डिब्बे, टूटकर बिखरे खिड़कियों के शीशे, जला हुआ सामान और लाशों की दुर्गंध के बीच अपनों को तलाशते रोते-बिलखते लोगों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसे के बाद दृश्य कितना भयावह होगा। दिल-दिमाग झकझोर जाएगा, बांग्लादेश में शुक्रवार रात को हुए ट्रेन अग्निकांड के उन पीड़ितों की हालत देखकर, जिन्होंने सफर के मंजिल पर पहुंचने से पहले ही अपनों को खो दिया, जिनके सपने टूटकर बिखर गए। किसी ने बेटा गंवाया तो किसी की बहू लापता है। किसी की बहन और भांजा नहीं मिले। हंसते-खेलते अपनों से मिलने निकले, लेकिन रास्ते में ही लाशें मिल गईं, जिन्हें घर कैसे ले जाएं, सोचकर ही कांप जाएंगे।
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चुनाव से 2 दिन पहले बांग्लादेश में फैली हिंसा
दरअसल, बांग्लादेश में 7 जनवरी को आम चुनाव हैं और प्रधानमंत्री शेख हसीना इस बार भी प्रधानमंत्री पद की दावेदार हैं, लेकिन इस बार विपक्ष ने शेख हसीना विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया है। वहीं चुनाव नजदीक आते-आते राजनीतिक हिंसा फैल गई है। चुनाव का विरोध कर रहे लोगों ने उपद्रव मचाया। शुक्रवार रात करीब 9 बजे ढाका में पश्चिमी शहर जेसोर जा रही ट्रेन में उपद्रवियों ने आग लगा दी। करीब 5 बोगियां जलकर राख हो गईं। इस आगजनी में 5 लोग जिंदा जलकर मर गए। वहीं कई लोग गंभीर घायल हुए। एक बोगी में आग लगाई गई थी, जिसने 4 और बोगियों को चपेट में ले लिया। ट्रेन में कुछ भारतीय यात्री भी थे, लेकिन आगजनी के बाद तबाही का मंजर देशवासियों ने देखा। घायलों, मृतकों और लापता लोगों के परिजनों ने हादसे की आंखों देखी कहानी मीडिया को सुनाई।
पीड़ितों की जुबानी तबाही के मंजर की कहानी
टोनिमा अपनी बहन एलिना यामीन और एलिना के 5 महीने के बच्चे अरफान हुसैन के साथ बेनापोल एक्सप्रेस में सवार हुई थी कि ढाका शहर में एंट्री करते हुए ट्रेन को आग लगा दी गई। अब वह गोपीबाग के बैडमिंटन कोर्ट में पनाह लिए जिंदा लोगों के बीच एलिना और बच्चे अरफान को तलाश रही है, लेकिन उनका पता नहीं चलने पर उसकी आंखों में दर्द और चिंता साफ झलक रही थी। लोग दर्द और गम से आराम पाने की कोशिश में एक-दूसरे को गले लगा रहे थे। कुछ लोग डर के मारे बिलख रहे थे। मोहम्मद बादशाह आराम नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उनका 3 साल का बेटा अब्दुल्ला लापता था। सिद्दीकी खान अपनी बहू नताशा के साथ सफर कर रहे थे। वे फरीदपुर के भंगा में एक रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे, लेकिन हादसे में नताशा लापता हो गई। खिड़की से लोगों ने उन्हें खींच लिया, लेकिन नताशा नहीं आ पाई।
कितने लोग लापता अभी स्पष्ट नहीं हो पाया
3 घायलों कौशिक विश्वास, आसिफ मोहम्मद खान और नफीस आलम को शेख हसीना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में भर्ती कराया गया। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के डिप्टी कमिश्नर इकबाल हुसैन ने कहा कि उन्होंने 5 यात्रियों की मौत होने की पुष्टि की है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग लापता हैं?
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(Zolpidem)