Assam Polygamy Ban: असम में एक से ज्यादा शादी करने पर रोक लगेगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि असम में हम तत्काल में बहुविवाह को बैन करना चाहते हैं। क्या कोई कांग्रेस का नेता अपनी बेटी ऐसे पुरुष को देगा जिसकी पहले से ही 2 पत्नियां हों? वे (कांग्रेस) मुसलमान महिलाओं का दुख नहीं समझ रहे हैं वे बस मुसलमान पुरुषों के लिए काम करते हैं।
माना जा रहा है कि असम सरकार सितंबर में होने वाले विधानमंडल के मॉनसून सत्र में बहुविवाह को बैन करने का विधेयक पेश कर सकती है। अगर इस सत्र में नहीं ला पाए तो जनवरी में इसे सदन के सामने रखा जाएगा। यह बातें हिमंत ने गुवाहाटी में कही।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का किया समर्थन
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मामला संसद तय करेगा। राज्यों का भी उसमें योगदान रहेगा। UCC में कई मुद्दें हैं, लॉ कमीशन और संसदीय कमेटी उसकी समीक्षा कर रही है। हमने पहले ही कह दिया है कि हम UCC के समर्थन में हैं।
बता दें कि विधि आयोग ने 14 जून 2023 को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लोगों और संगठनों से सुझाव मांगे थे। इस मुद्दे पर सुझाव देने की आखिरी तारीख 14 जुलाई है। 10 जुलाई की शाम तक आयोग को 46 लाख सुझाव मिले हैं। इनमें से कई लोगों से आयोग बात भी करेगा।
विधायी क्षमता की जांच के लिए बनाई थी कमेटी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मई में राज्य विधानमंडल की विधायी क्षमता की जांच और बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। समिति जांच करेगी कि राज्य सरकार के पास बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है या नहीं।
कमेटी में रिटायर्ड जस्टिस रूमी फूकन को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि एडवोकेट जनरल देबाजीत सैकिया, एडिशनल एडवोकेट जनरल नलिन कोहली और एडवोकेट नेकिबुर जमान को सदस्य बनाया गया था।