नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राहुल गांधी पर बड़ा हमला किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के अहंकार के कारण लोकसभा से सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया है। केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि क्या राहुल गांधी कानून से ऊपर हैं?
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राहुल गांधी को लगता है कि अगर संविधान में सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है तो उनपर लागू नहीं होना चाहिए क्योंकि देश पर राज करना उनका अधिकार है और बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान के तहत जितने लोकतांत्रिक संस्थान बनाए हैं वे सब उनसे नीचे है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने OBC समाज का जो अपमान किया, उस पर अगर कोर्ट ने फैसला किया तो वे कहते हैं कि कोर्ट ही गलत है। उन्हें लगता है कि एक परिवार में पैदा हो गए तो इस देश पर राज करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। वे खुद को संसद और कोर्ट से ऊपर मानते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी खुद को देश के संस्थानों से ऊपर मानते हैं। राहुल गांधी सोचते हैं कि कोई भी अदालत उनके खिलाफ फैसला नहीं दे सकती है। उन्हें लगता है कि अयोग्यता के लिए संविधान में प्रावधान उन पर लागू नहीं किया जाना चाहिए।
अश्विनी बोले- सभी भ्रष्ट एक साथ एक मंच पर आए
अडानी मुद्दे और राहुल गांधी की अयोग्यता पर केंद्र के खिलाफ एकता दिखाने की कोशिश कर रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए मंत्री (Ashwini Vaishnav) ने कहा कि सभी भ्रष्ट एक मंच पर एक साथ आ गए हैं। उनका मकसद सरकार को पटरी से उतारना है। कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि कैसे यूपीए सरकार के दौरान देश को लूटा गया था और देश के संस्थानों को कमजोर करने की साजिश रची गई थी।
इससे पहले मंगलवार को विपक्ष पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में गहरी जड़ें जमाने वाले सभी एक साथ आ गए हैं और देश की संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं। पीएम मोदी यहां राष्ट्रीय राजधानी में नवनिर्मित भाजपा केंद्रीय कार्यालय (विस्तार) का उद्घाटन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'हमारे पास संवैधानिक संस्थानों की मजबूत नींव है, इसलिए भारत को रोकने के लिए संवैधानिक संस्थानों पर हमला किया जा रहा है। हमारे संस्थानों को बदनाम करने और उनकी विश्वसनीयता कम करने की साजिश रची जा रही है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, "जब एजेंसियां उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं जिनकी गहरी जड़ें भ्रष्टाचार में हैं, तो वे एजेंसियों पर हमला करते हैं। जब अदालतें आदेश सुनाती हैं, तो न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए जाते हैं।"
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