Kiran Kumar Reddy: आंध्र प्रदेश के पूर्व CM किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को भाजपा ज्वॉइन कर लिया। किरण कुमार रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे थे। किरण रेड्डी ने 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक लाइन का इस्तीफा भेजा था जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं।
भाजपा ज्वॉइन करने के बाद रेड्डी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी। कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही, यह एक राज्य की बात नहीं। एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।केंद्रीय मंत्री बोले- रेड्डी पीएम मोदी से प्रभावित
किरण रेड्डी के भाजपा ज्वॉइन करने के बाद कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किरण कुमार रेड्डी के परिवार के कई सदस्य कांग्रेस में थे। कुछ समय पहले जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बताया कि वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं। आज वे बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेंगे। विधायक और मंत्री के रूप में उनकी छवि बहुत साफ रही है। किरण कुमार ने 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के आंध्र प्रदेश को विभाजित करने और तेलंगाना को अलग करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद उन्होंने अपनी पार्टी 'जय समैक्य आंध्र' बनाई थी और 2014 के चुनाव में कुछ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा भी था। हालांकि, पूर्व सीएम 2018 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।इन उम्मीदों के साथ दोबारा कांग्रेस में लौटे थे रेड्डी
कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के 5 साल बाद 12 मार्च 2023 को एन किरण कुमार रेड्डी ने एक बार फिर पार्टी छोड़ी। किरण के कांग्रेस छोड़ने के दौरान ही उनके बीजेपी में शामिल होने की संभावना जताई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब रेड्डी दोबारा कांग्रेस में लौटे थे तब उन्हें उम्मीद थी कि संगठन में उन्हें कोई बड़ी भूमिका दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी को उदयपुर चिंतन शिविर में भी आमंत्रित नहीं किया गया था, जिससे पार्टी में कई लोग हैरान रह गए। 12 मार्च को उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक लाइन का इस्तीफा भेजकर दोबारा कांग्रेस छोड़ दिया था।विभाजन का कांग्रेस को उठाना पड़ा था नुकसान
बता दें कि आंध्र प्रदेश विभाजन का कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2014 के बाद से कांग्रेस आंध्र प्रदेश में एक भी लोकसभा या विधानसभा सीट नहीं जीत पाई है।एके एंटनी के बेटे अनिल ने भाजपा में हुए शामिल
बता दें कि देश के पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने गुरुवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उनके भाजपा में शामिल होने के कुछ घंटों बाद, उनके पिता और सीनियर कांग्रेस नेता एके एंटनी ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने अपने बेटे के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह एक गलत कदम है। एके एंटनी ने कहा, "अनिल के बीजेपी में शामिल होने के फैसले से मुझे बहुत दुख पहुंचा है। यह पूरी तरह से गलत कदम है।" एके एंटनी ने यह भी कहा कि अपने बेटे की तरह वह किसी और पार्टी में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं 82 साल का हूं। मैं अपने जीवन के अंतिम चरण में हूं। मैं अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहूंगा।" बीजेपी पर निशाना साधते हुए एके एंटनी ने कहा कि भारत की एकता ही उसका धर्मनिरपेक्षता है लेकिन 2014 से देश को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, "2014 में विध्वंस की चाल धीरे रही थी, लेकिन 2019 के बाद से इसने गति पकड़ी है।"जनवरी में अनिल एंटनी ने कांग्रेस से दिया था इस्तीफा
अनिल के एंटनी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, वी मुरलीधरन और भाजपा की केरल इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए। अनिल एंटनी ने इस साल जनवरी में कांग्रेस में सभी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया था।---विज्ञापन---
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