New Parliament Inauguration: केंद्र सरकार को अकाली दल के बाद BJD-YSR का मिला समर्थन, NDA ने बायकॉट करने वाले दलों को घेरा
New Parliament Inauguration
New Parliament Inauguration: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को एक बार फिर विपक्षी एकता को झटका दिया। नवीन पटनायक के बीजू जनता दल ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का ऐलान किया है। बीजेडी ने विपक्ष के बहिष्कार को खारिज करते हुए कहा कि भारत की राष्ट्रपति देश की प्रमुख हैं। संसद भारत के 1.4 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। दोनों संस्थान भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं और भारत के संविधान से अपना अधिकार प्राप्त करते हैं।
बीजेडी का मानना है कि इन संवैधानिक संस्थाओं को किसी भी मुद्दे से ऊपर होना चाहिए, जो उनकी पवित्रता और सम्मान को प्रभावित कर सकता है। इस तरह के मुद्दों पर सदन में बाद में हमेशा बहस की जा सकती है। इसलिए बीजद इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा होगा।
वाईएसआर ने भी किया समर्थन
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इसका ऐलान कर दिया है। इनके अलावा शिरोमणि अकाली दल (SAD) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सहित कई अन्य दलों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। शिवसेना (शिंदे गुट), मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भाजपा की तमिलनाडु सहयोगी अन्नाद्रमुक (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के भी समारोह में उपस्थित होने की उम्मीद है।
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19 दलों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद के उद्घाटन करने के फैसले को लोकतंत्र पर सीधा हमला कहा है। सभी राष्ट्रपति के हाथों संसद भवन का उद्घाटन कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
एनडीए ने बहिष्कार करने वाले दलों की निंदा की
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने वाले 19 दलों की निंदा की है। एनडीए की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वह 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 19 राजनीतिक दलों के निर्णय की स्पष्ट रूप से निंदा करता है। यह फैसला केवल अपमानजनक नहीं है, यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है।
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