Andaman Nicobar Cooperative 500 crore Bank scam: प्रवर्तन निदेशालय ने अंडमान-निकोबार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व सांसद और बैंक के पूर्व चेयरमैन कुलदीप राय शर्मा, बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर के. मुरुगन और लोन ऑफिसर के. कलैवनन को गिरफ्तार किया है. यह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में ईडी की पहली गिरफ्तारी है. जांच में सामने आया है कि बैंक अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों फर्जी कंपनियों के नाम पर लोन मंजूर किए और करीब 500 करोड़ रुपये का घोटाला किया. इनमें से लगभग 230 करोड़ रुपये का फायदा सीधे कुलदीप राय शर्मा और उनके करीबियों को हुआ.
रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियां बनाकर लोन लिया
ईडी का कहना है कि मुरुगन और कलैवनन ने भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियां बनाकर लोन लिया और बाकी लोगों को भी 5% कमीशन लेकर फर्जी लोन दिलाए. यह रकम बाद में नकद निकाली गई और बैंक अधिकारियों में बांटी गई. फिलहाल कोर्ट ने कुलदीप राय शर्मा और के. कलैवनन को 8 दिन की ईडी कस्टडी में भेजा है. ईडी ने अंडमान-निकोबार में कई ठिकानों पर छापेमारी भी शुरू कर दी है. जांच जारी है.
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ईडी को तलाशी में मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज
ईडी का दावा था कि कथित तौर पर सहकारी बैंक की तलाशी के दौरान उसे कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ मिले हैं, जो ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं की मंजूरी में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। अधिकारियों का आरोप है कि बैंक की मानक प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए, विभिन्न फर्मों और फर्जी कंपनियों के नाम पर 100 से ज़्यादा खातों के ज़रिए ऋण सुविधाएं दी गईं। ऑपरेशन के दौरान लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के दस्तावेज भी बरामद किए गए। शुरुआती जांच में ही कुलदीप राय और उनके सहयोगियों पर फर्जी कंपनियां बनाने की बात सामने आ गई थी। इन्हीं कंपनियों के माध्यम से एएनएससीबी से 500 करोड़ रुपये का लोन जुटाने का आरोप है।
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