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429 बैंक कर्मियों से फ्रॉड केस में कैसे फंस गईं सांसद नुसरत जहां? आया पहला बयान

Nusrat Jahan: प्रवर्तन निदेशालय ने सेवन सेंस इंटरनेशनल नाम की रियल एस्टेट कंपनी की जांच शुरू की है। आरोप है कि कंपनी ने अपार्टमेंट बेचने के नाम पर करोड़ों रुपए का घपला किया है। इस कंपनी से बंगाली हीरोइन और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां का कनेक्शन भी सामने आया है। […]

Nusrat Jahan
Nusrat Jahan: प्रवर्तन निदेशालय ने सेवन सेंस इंटरनेशनल नाम की रियल एस्टेट कंपनी की जांच शुरू की है। आरोप है कि कंपनी ने अपार्टमेंट बेचने के नाम पर करोड़ों रुपए का घपला किया है। इस कंपनी से बंगाली हीरोइन और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां का कनेक्शन भी सामने आया है। इस बीच नुसरत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से किनारा कसा है। उन्होंने दावा किया कि 1 मार्च, 2017 को उन्होंने कंपनी के साथ अपने सभी संबंध खत्म कर दिए थे। तब से कंपनी की गतिविधियों में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है।

घर खरीदने के लिए लिया था उधार

अभिनेत्री नुसरत बरीशाट से तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से धोखाधड़ी की गतिविधियों में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना घर खरीदने के लिए कंपनी से 1.16 करोड़ रुपये उधार लिए और 6 मई, 2017 को ब्याज (1.42 करोड़ रुपये) के साथ इसे वापस कर दिया। इसकी पुष्टि बैंक के स्टेटमेंट से की जा सकती है। [caption id="attachment_291901" align="alignnone" ] Nusrat Jahan[/caption]

भाजपा नेता ने दर्ज कराई शिकायत

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय में वरिष्ठ नागरिकों के एक समूह ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत भाजपा नेता शंकुदेब पांडा के नाम से दर्ज कराई गई है। आरोप है कि रियल एस्टेट कंपनी ने कोलकाता के न्यू टाउन में फ्लैट देने का वादा करके उनसे कई करोड़ रुपये ठग लिए।   और पढ़ें - हीरो मोटरकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल के घर-ऑफिस पर ED की रेड, कंपनी के शेयर धड़ाम  

429 बैंक कर्मियों से हुई ठगी

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कंपनी ने 2014 में न्यू टाउन में इको पार्क के पास एक सहकारी समिति के माध्यम से थ्री बीएचके फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक के 429 कर्मियों के साथ समझौता किया था। कंपनी ने निवेशकों से लगभग 24 करोड़ रुपये इकट्टा किए, लेकिन अपार्टमेंट पर कब्जा नहीं दिया। ईडी को सौंपे गए दस्तावेजों में दावा किया गया कि कंपनी के निदेशकों में से एक के रूप में तृणमूल सांसद को दिखाने वाले कागजात शामिल थे। यह भी पढ़ें: पुतिन का टॉर्चर रूम, जहां दुश्मन मांगता है सिर्फ मौत की दुआ, रूह कंपा देगी रिपोर्ट


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