Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के सर्वे पर एक दिन की रोक, ASI ने कहा- हम ढांचे को नहीं पहुंचाएंगे नुकसान
Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वेक्षण पर कल गुरुवार तक रोक लगा दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI के अतिरिक्त निदेशक ने बुधवार को एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई नुकसान नहीं होगा। एएसआई सर्वेक्षण कल तक नहीं होगा, जब अदालत इस मामले पर दोपहर 3.30 बजे फिर से सुनवाई करेगी।
इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया। वकील एसएफए नकवी ने तर्क दिया कि कानून प्री मेच्योर स्टेज पर एएसआई सर्वे की परमीशन नहीं देता है। वहीं, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत गुप्ता ने कहा कि कोर्ट साक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दे सकती है। दोनों तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने एएसआई अधिकारी को बुलाया और कई सवाल-जवाब किए।
[caption id="attachment_285276" align="alignnone" ] Gyanvapi Case[/caption]
एएसआई अधिकारी और कोर्ट के बीच सवाल-जवाब
कोर्ट: जीपीएस, डेटिंग एक्सरसाइज क्या है?
एएसआई अधिकारी: जांच तरीका है। इससे स्ट्रक्चर की उम्र पता चलेगी।
कोर्ट: कब से शुरू किया सर्वे?
एएसआई अधिकारी: हमने सोमवार सुबह (24 जुलाई) सुबह 9 बजे सर्वेक्षण कार्य शुरू किया।
चीफ जस्टिस: आपने कितना काम किया है?
एएसआई अधिकारी: हमने अभी शुरुआत की है। हम सटीक साइट नहीं जानते।
चीफ जस्टिस: मान लीजिए कि 5 फीसदी काम हो चुका है। आपकी टीम वहां है। आप और कितना समय लेंगे?
एएसआई अधिकारी: हम 31 जुलाई तक कोशिश कर सकते हैं।
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दो दिन पहले भी हाईकोर्ट ने लगाई थी सर्वे पर रोक
वाराणसी जिला अदालत ने शुक्रवार को एएसआई को आदेश दिया था कि यदि आवश्यक हो तो ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और उत्खनन जैसी तकनीकों का उपयोग करके सर्वेक्षण किया जाए। सर्वेक्षण रोकने का शीर्ष अदालत का आदेश तब आया, जब सोमवार को एएसआई टीम मस्जिद परिसर के अंदर थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक एएसआई सर्वेक्षण पर रोक लगाया था। इसके एक दिन बाद, मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने हाईकोर्ट का रुख किया, जिससे मस्जिद प्रबंधन समिति को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का समय मिल गया।
समिति के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने मुख्य न्यायाधीश दिवाकर के समक्ष मामले की शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का सोमवार का आदेश बुधवार को समाप्त हो रहा है, इसलिए इसकी तत्काल आवश्यकता है।
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