AK-203 Rifles Features: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर पर करारा जवाब दिया है। इसके अलावा पीएम ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्रॉफी को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत 2025 तक रेलवे, मंदिर-मस्जिद और अस्पताल समेत देश के हर कोने को अल्ट्रा लेवल सिक्योरिटी से सुरक्षित किया जाएगा। बता दें इसी कड़ी में दिसंबर 2025 तक 70000 AK-203 Rifles देश के सुरक्षाकर्मियों को मिलेंगी। आइए आपको AK-203 राइफल की क्षमता और फीचर्स के बारे में बताते हैं।
AK-203 राइफल क्या है?
दरअसल, AK-203 एक गैस-ऑपरेटेड, मैगजीन-फेड राइफल है। ये आधुनिक असॉल्ट राइफल है, जिसे मिखाइल कलाश्निकोव ने डिजाइन किया था। ये कम रखरखाव वाली राइफल होती है क्योंकि इसमें बोल्ट सिस्टम होता है। बता दें भारत में इसे 'शेर' के नाम से भी जाना जाता है।
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राइफल में 7.62x39mm कार्ट्रिज का यूज किया जाता है
AK-203 राइफल में 7.62x39mm कार्ट्रिज का यूज किया जाता है। जिससे ये भारतीय सुरक्षाकर्मियों के पास पहले से मौजूद INSAS राइफल से बेहतर मारक क्षमता रखती है। बता दें साल 2026 में भारतीय सेना को 1 लाख और AK-203 राइफल डिलीवरी होनी है। ये गैस-ऑपरेटेड, मैगजीन-फेड राइफल है जिसमें रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम है। ये 400 से 800 मीटर तक की मारक रेंज रखती है। वहीं, ये एक बार में 50 और प्रति मिनट 700 राउंड तक फायर कर सकती है।
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अमेठी में हो रहा निर्माण, सुरक्षाकर्मियों के पास 48000 AK-203 राइफल
फिलहाल यूपी के अमेठी स्थित कोरवा फैक्ट्री में इस बनाया जाता है। इसे इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) बना रही है। राइफल में टेलीस्कोपिक बटस्टॉक है, जिससे निशाना लगाने में मदद मिलती है। बता दें वर्तमान में भारतीय सुरक्षाकर्मियों के पास कुल 48000 AK-203 राइफल हैं।
AK-203 पाकिस्तान की G3 टाइप राइफलों को देगी टक्कर
AK-203 का वजन 3.8 किलोग्राम है। इसका बैरल 415 मिमी लंबा है और लंबाई 880-940 मिमी (स्टॉक खुला होने पर) होती है। रिपोर्ट के अनुसार यह राइफल भारत-चीन सीमा (LAC) और भारत-पाकिस्तान सीमा (LoC) पर तैनात सैनिकों की शक्ति बढ़ाएगी। AK-203 चीन की QBZ-191 और पाकिस्तान की G3 टाइप की राइफलों को टक्कर देती है।
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