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सांसों पर प्रदूषण का पहरा, पढ़ें कौन हैं दिल्ली की हवा के बड़े खलनायक?

Air Pollution in Delhi AQI Index Update: दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। इस बीच सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद करने का फैसला किया है।

Air Pollution in Delhi AQI Index Update (Pic Credit- Google)
Air Pollution in Delhi AQI Index Update: दिल्ली में पिछले चार दिनों से सांसों को लेकर आम-आदमी संघर्ष कर रहा हैं। इस दम घोंटू हवा के कारण दिल्ली की सरकार ने आज प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद कर दिया। वहीं राजधानी में सरकार ने ग्रैप-3 लागू कर दिया है। ऐसे में अगर प्रदूषण कम नहीं हुआ तो जल्द ही सरकार ग्रैप-4 भी लागू कर सकती है। इस सबके बीच केंद्रीस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शनिवार को 200 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया। उनमें से 26 का सूचकांक 50 से नीचे है। जबकि 28 शहरों का 300 से उपर है। उधर मौसम विभाग ने राहत की बात की है लेकिन 3 दिन बाद। इन सबके बीच डाॅक्टरों ने अस्थमा और सांस के मरीजों को कुछ दिन के दिल्ली छोड़ने को कहा है। आइये जानते हैं दिल्ली के हवा के बड़े खलनायक कौन है?

दिल्ली की भौगोलिक स्थिति

दिल्ली चारों ओर से जमीन से घिरी है। पड़ोसी राज्यों में मौसमी हलचल का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर में पड़ता है। चारों ओर से आने वाली हवाएं दिल्ली-एनसीआर में आकर फंस जाती है। नतीजन दिल्ली की हवा दमघोंटू बन जाती है।

मिक्सिंग हाइट होती है कम

दिल्ली में सर्दियों के दौरान मिक्सिंग हाइट कम होती है। गर्मियों में यह हाइट 4 किमी. होती है तो वहीं सर्दियों में 1 किमी. से भी कम हो जाती है। मिक्सिंग हाइट वह जगह है जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है। इससे प्रदूषक के कण दूर-दूर तक नहीं फैल पाते। पूरा इलाका घने धूंध से ढक जाता है। गर्मी के विपरीत सर्दियों में दिल्ली पहुंचने वाली हवाएं उत्तर, उत्तर पश्चिम, पश्चिमी दिल्ली से एनसीआर में पहुंचती हैं। वायुमंडल की ऊपरी सतह पर चलने वाली हवाएं प्रदूषकों को लेकर दूसरे शहरों से दिल्ली पहुंचती हैं। जबकि सतह पर चलने वाली हवाएं धीमी होती है। इन हवाओं की चाल शनिवार को 6 किमी. प्रति घंटे थी। जबकि यह 10 किमी. प्रति घंटे होनी चाहिए।

इस बार जल्दी आया फाॅग

गर्मी के मौसम में हवाओं की दिशा पूर्व में हो जाती है। इस दौरान कई बार पश्चिमी दिशा से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और राजस्थान के रेतीले इलाकों से गर्म हवाएं दिल्ली-एनसीआर पहुंचती हैं। इससे वातावरण में गर्मी बढ़ जाती है। लेकिन हवाओं की गति तेज होने के कारण यह दिल्ली-एनसीआर से जल्दी निकल जाती है। दिल्ली में इस बार स्माॅग का दौर जल्दी आ गया है। 1970 से 1993-94 तक नवंबर मध्य तक स्माॅग की चादर दिल्ली में नजर आती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब स्माॅग की चादर नवंबर की शुरुआत में ही दिखने लगी है।


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