Independence Day 2022: आजादी के 75वें साल पर शहीदों को याद करने के लिए खास हैं ये 5 स्थान, जानिए…
Independence Day Travel Places: हम भारतीय, इस बार 15 अगस्त को मात्र आजादी का जश्म नहीं, बल्कि आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) मना रहे हैं। वर्ष 1947 में आजादी पाने के बाद आज हम 'आजादी के 75वें वर्ष' को पूरा कर रहे हैं। खुशनसीब हैं जो हम इस पीढ़ी में हैं। सभी जानते हैं कि अखंड भारत को अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए देश के वीरों ने फांसी के फंदों को चूमा। हंसते-हंसते अपने प्राणों की बलि दे दी। आइए, आजादी के इस 75वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) पर आपको लेकर चलते हैं ऐसी पांच पवित्र धराओं पर, जहां से इन अमर बलिदानियों को आजादी का बिगुल फूंका था।
लाल किला (Red Fort)
दिल्ली के लाल किला में हर साल 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर भारत के प्राधानमंत्री तिरंगा फहराते हुए देश को संबोधित करते हैं। साला 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब भारत के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था और भाषण दिया था। ऐतिहासिक दृष्टि से लाल किले का निर्माण शाहजहां ने किया था। इस जगह को भारत की आजादी का प्रतीक माना जाता है।
कारगिल युद्ध स्मारक (Kargil War Memorial)
लद्दाख में कारगिल युद्ध स्मारक है जहां आप इस स्वतंत्रता दिवस यात्रा कर सकते हैं। पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के शहीदों को सम्मान देने के लिए भारत के सेना ने कारगिल युद्ध स्मारक का निर्माण किया था। स्मारक के बीच में बलुआ पत्थर की दीवार है जिस पर कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों का नाम लिखा हुआ है।
इंडिया गेट - (India Gate)
इस स्वतंत्रता दिवस दिल्ली के इंडिया गेट में आप घूमने जा सकते हैं। इसका निर्माण 82 हजार भारतीय सैनिकों के सम्मान किया गया था, जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे। इंडिया गेट की दीवारों पर आप इन सभी शहीदों के नाम देख सकते हैं। बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए साल 1971 में अमर जवान ज्योति जलाई गई थी। इस साल 2022 में अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर वॉर मेमोरियल में जल रही अमर ज्योत में मिला दिया गया है।
अगस्त क्रांति मैदान (August Kranti Maidan)
मुंबई (Mumbai) में अगस्त क्रांति मैदान है जहां पर 9 अगस्त, 1942 में महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो का बिगुल फूंका था। इस जगह को भारत की आजादी का सबसे खास स्थान माना जाता है। अगस्त क्रांति मैदान का नाम अब गोवली मैदान हो गया है।
पोरबंदर (Porbandar)
'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी का जन्मस्थान पोरबंदर गुजरात में स्थित है। इस जगह दो महत्वपूर्ण संरचनाएं कीर्ति मंदिर और महात्मा गांधी का घर स्थित है। भारत को स्वतंत्रता दिलाने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा था। इन जगहों से गांधी जी की कई यादें जुड़ी हुई हैं। यहां स्थित संग्रहालयों गांधी के जीवन और लेखन को दर्शाते हैं जिसे आप जाकर देख सकते हैं।
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