Parliament Special Session: नाराज विपक्ष ने कहा-मोदी सरकार को अपना ढोल बजाना है बजाए; हिंदुत्व पर भी उठाए सवाल
संसद भवन के बाहर का परिदृश्य। -फाइल फोटो
Parliament Special Session; Opposition Reactions, नई दिल्ली: संसद में सोमवार से पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है। पहले दिन की कार्यवाही पुराने भवन में चलेगी, वहीं मंगलवार 19 सितंबर से बाकी चार दिन की चर्चा नए भवन में होगी। खास बात यह है कि इस दिन बड़ा धार्मिक उत्सव गणेश चतुर्थी भी आ रहा है, जिसको लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों के बहुत से सांसदों में नाराजगी का माहौल है। इसी के साथ इस विशेष सत्र के बारे में पहले से सूचित नहीं किए जाने को लेकर भी विपक्ष खासा नाराज है। जैसा कि अभी तक की जानकारी मिली है कि इस सत्र में 8 नए बिल रखे जाने की संभावना पर भी विपक्ष ने प्रतिक्रिया दी है। जानें किस नेता ने क्या कहा...
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शशि थरूर ने कहा-सोनिया गांधी ने 9 दिन पहले चिट्ठी लिखी थी। आज तक तो इस पर कोई जवाब आया नहीं है। हां सदन में अगर ऐसे विषय आए तो हम बोलेंगे। नहीं भी आए तो भी हम चाहेंगे कि इस पर चर्चा हो। नए संसद भवन के मुद्दे पर थरूर ने कहा-मैं तो नाराज नहीं हूं। नई जगह जाना चाहिए, बाकी जाकर देखेंगे कि क्या नया है।
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अभिषेक सिंघवी ने इसे दुर्भाग्य बताया कि यह सरकार एकदम अंत में सब बताती है। जितना भी बताती है बहुत कम बताती है। बातों को रहस्य में रखने की कोशिश की जाती है, वो ठीक नहीं है। गणेश चतुर्थी पर हो रहे नए संसद भवन की पूजा में हम सब उत्साह से बैठेंगे। बाकी लद्दाख जैसे मुद्दों पर सरकार का जो भी रुख है, वो स्पष्ट किया जाना चाहिए। जब तक आप साफ-साफ बताएंगे नहीं तो फिर कैसा विरोध और कैसी सहमति। वैसे भी हमारा पूछना उतना अहम नहीं है, जितना बहुमत में बैठी पार्टी को बताने को होना चाहिए।
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शक्ति सिंह गोहिल ने प्रश्नकाल नहीं होने पर जताई चिंता
कॉन्ग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जब भी किसी मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाया जाए तो इस बारे में सभी सदस्यों को पहले बताया जाना चाहिए। विधेयक के मसौदा और सरकारी कामकाज के बारे में पहले से जानकारी दिया जाना बेहद जरूरी पहलू है। पहली बार यह सोचकर बड़ी हैरानी हो रही है कि पांच दिन के इस विशेष सत्र में कोई प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं होगा।
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने उठाया हिदुत्व पर सवाल
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शिवसेना उधव बाला साहेब ठाकरे (UTB) के सांसद अरविंद सावंत ने संसद के विशेष सत्र को गणेश चतुर्थी के मौके पर बुलाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने एजेंडा नहीं मिलने की बात कही, वहीं आपत्ति जताई कि गणेश जी का आगमन हमारे घर-घर में होता है और आप ऐसे मौके पर सिर्फ अपना ढोल बजाने के लिए संसद का सत्र बुला रहे हैं। यही है आपका हिंदुत्व?
इन्होंने भी कहा-एजेंडा मिलता तो कुछ बात होती
सीपीआई (एम) के सांसद AA रहीम ने कहा कि हम चर्चा का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अभी कोई एजेंडा नहीं मिला है। मेरे ख्याल से सत्ताधारी पार्टी को वक्त रहते इस सबके बारे में सभी को खुलकर बताना चाहिए। उसके बाद किसी मुद्दे पर बहस संभव है।
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मोहम्मद सैय्यद नासीर हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और बाकी विपक्ष एजेंडा के हिसाब से चौथे प्वाइंट को संसद में रखेगी। विपक्ष की तरफ से जनता के हित में उठाई जा रही बात पर संसद में चर्चा होनी ही चाहिए। बाकी चीन के साथ संबंधों को लेकर और वन नेशन-वन वन इलेक्शन के मुद्दे पर विपक्ष की तरफ से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो ऐसे ही नहीं लगाए जा रहे। इस पर सदन में चर्चा का मौका मिला तो खुलकर बोलने को हम तैयार है।
भाजपा नेता बता रहे सकारात्मक
हालांकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व की तरफ से इस सत्र की खुलकर तारीफ की जा रही है। केंद्री मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की मानें तो यह बड़ा ही सकारात्मक संकेत है। पांच दिन के इस सेशन में बहुत से मुद्दों पर चर्चा होगी। वन नेशन-वन इलेक्शन और चीनी सीमा से जुड़े विवादों पर विपक्ष के आरोपों को लेकर पटेल ने कहा कि फालतू की अटकलबाजी का कोई मोल नहीं है। वहीं अन्य नेताओं ने भी इसे सकारत्मक बताया है।
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