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20 करोड़ से अधिक भारतीय लड़कियों की शादी बचपन में हुई, UN की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

UN Report on Child Marriage: यूएन के महासचिव एंटोनियो गुंटेरेस ने कहा दुनिया 2030 तक एजेंडे का पूरा करने के लिए तत्काल और तुरंत किए जाने प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि हम लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रहे हैं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jun 30, 2024 10:00
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बाल विवाह पर यूएन की रिपोर्ट

Childhood Marriage in India: यूएन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं की शादी उनके बचपन में ही कर दी गई। वहीं पूरे विश्व में यह आंकड़ा 64 करोड़ हैं। यानी भारत समेत पूरी दुनिया में 64 करोड़ की महिलाओं की शादी उनके बचपन में ही कर दी गई। इनमें से एक तिहाई बाल विवाह भारत में हुए। यूएन की सतत विकास रिपोर्ट 2024 के अनुसार हर पांच में से एक लड़की की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है। जबकि 25 साल पहले यानी 2000 में 5 में 4 लड़कियों की शादी 18 से पहले हो जाती थी। हालांकि लगातार हो रही कोशिशों और बाल विवाह के खिलाफ विभिन्न सरकारों की मुहिम ने इस प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है।

इस बीच यूएन ने दुनिया को चेताते हुए बताया कि लैंगिक समानता के मामले काफी पीछे रह गए हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य में स्वायत्ता की कमी जैसे मुद्दे अभी भी बने हुए हैं। अगर इसी गति से महिलाओं के प्रति सुधार का दृष्टिकोण रहा तो पुरुषों और महिलाओं के बीच प्रबंधन जैसे पदों में समानता हासिल करने में अभी 176 साल और लगेंगे।

2030 तक पूरे हो पाएंगे 17 प्रतिशत लक्ष्य

रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक जीवन परिस्थितियों में सुधार के लिए यूएन द्वारा निर्धारित 169 लक्ष्यों में से केवल 17 प्रतिशत लक्ष्य ही 2030 तक पूरे हो पाएंगे। इसके अलावा आधे लक्ष्यों तक हम केवल न्यूनतम से भी कम लक्ष्य हासिल कर पाए हैं। 2015 में विश्व नेताओं द्वारा इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जोर दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई खास प्रोग्रेस इसमें नहीं देखी गई।

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एंटोनियो गुंटेरेस ने जताई निराशा

वहीं रिपोर्ट पर यूएन के महासचिव एंटोनियो गुंटेरेस ने कहा कि इस रिपोर्ट का निष्कर्ष बहुत ही सामान्य है। विश्व में शांति सुनिश्चित करने, जलवायु परिवर्तन का सामना करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्त को बढ़ावा देने में हमारे असफल प्रयास इसके विकास को और कमजोर बना रहे हैं। गुंटेरेस ने कहा कि इनमें कुछ उम्मीद की किरणें दिखी हैं। उन्होंने 2030 के एजेंडे का पूरा करने के लिए तत्काल और त्वरित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट दर्शाती है कि दुनिया को एक असफल ग्रेड मिल रहा है।

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First published on: Jun 30, 2024 10:00 AM

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