Watch Video: महिला के कान में रेंगते हुए मिली मकड़ी, खाल भी छोड़ी; डॉक्टरों ने दर्द से दिलाया छुटकारा
Doctors find spider inside woman's ear- New England Journal of Medicine
Watch Video spider Found inside woman's ear: अक्सर आपने कान में कीड़े घुस जाने की खबरें सुनी होंगी, लेकिन क्या आप ने कभी कान में मकड़ी का घर होने की बात सुनी है? मगर ये सच है। ताइवाइन से ऐसी ही एक रेयर ऑफ रेयरेस्ट खबर सामने आई है। यहां 64 साल की एक महिला कान के सरसराहट और दर्द परेशान थी। वह कई दिनों तक सो नहीं सकी। आखिरकार जब डॉक्टर के पास गई तो वह कान में मकड़ी होने की बात सुनकर दंग रह गई। डॉक्टरों ने मकड़ी बाहर निकाली। इसके बाद महिला को दर्द से छुटकारा मिला। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने कान के अंदर मकड़ी का वीडियो जारी किया है।
देखिए VIDEO...
बाएं कान में घुस गई थी मकड़ी
ताइनान म्यूनिसिपल अस्पताल में ओटोलरींगोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. तेंगचिन वांग ने स्काई न्यूज के यूएस पार्टनर नेटवर्क एनबीसी न्यूज को बताया कि ये मामला अप्रैल का है। 64 साल की महिला कई दिनों से अपने बाएं कान में हलचल महसूस कर रही थी। कुछ दिन बाद उसकी समस्या बढ़ गई। दर्द के साथ सरसराहट होने लगी। कई दिनों जब वह सो नहीं सकी तो एक क्लिनिक में गई। जहां डॉक्टरों ने उसके कान के अंदर एक मकड़ी को रेंगते हुए पाया।
ट्यूब के जरिए डॉक्टरों ने निकाला बाहर
मकड़ी ने अपनी बाहरी आवरण भी छोड़ दिया था। मकड़ी का साइज 2 से 3 मिलीमीटर था। साइज में छोटे होने के चलते मकड़ी ने महिला की त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाया था। डॉक्टरों ने मकड़ी और एक्सोस्केलेटन को बाहर निकालने के लिए एक ट्यूब का इस्तेमाल किया।
ताइवान में यह पहला मामला था जब डॉक्टरों ने किसी इंसान के कान के अंदर किसी कीड़े को रेंगते हुए देखा था, इसलिए उन्होंने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक केस रिपोर्ट लिखी। डॉ. वांग ने लोगों से भी आग्रह किया कि यदि उनमें समान लक्षण हों तो जांच कराएं।
दक्षिण फ्लोरिडा के ईएनटी साइनस और एलर्जी के चिकित्सक डॉ. डेविड कास्ले ने कहा कि डॉ. वांग की रिपोर्ट में मकड़ी का चित्र आसामन्य और परेशान करने वाली थी। लेकिन उन्होंने कहा कि औसत कान, नाक और गले के विशेषज्ञ अपने करियर के दौरान मरीजों के कानों में दसियों कीड़े या किसी प्रकार के आर्थ्रोपॉड देखते हैं।
डॉक्टर ने बताया बचने का तरीका
डॉ. वांग ने बड़े कीड़ों को मारने, उन्हें हिलने-डुलने और कान को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लिडोकेन या इथेनॉल का उपयोग करने की सिफारिश की। लेकिन अगर कान के पर्दे में छेद हो तो इससे बचना चाहिए। जिसे लोगों के लिए स्वयं निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है।
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