दुनिया की सबसे दूसरी घातक बीमारी TB से जल्दी मिलेगी मुक्ति!
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Tuberculosis: टीबी (Tuberculosis) के खिलाफ लड़ाई पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) की हाई लेवल मीटिंग में दुनियाभर के नेताओं ने 2030 तक टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए एक राजनीतिक घोषणा को मंजूरी दे दी है। अगले पांच सालों के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जिसमें 90 % लोगों तक टीबी की रोकथाम और देखभाल के साथ सेवाएं सही समय पर पहुंचाना, बीमारी से पीड़ित लोगों को सामाजिक लाभ पैकेज देना और कम से कम एक नए टीके का लाइसेंस देना शामिल है।
टीबी को खत्म करने का प्रयास
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस (Dennis Francis) ने शुक्रवार को कहा कि मैं सभी सदस्य देशों को राजनीतिक घोषणा के मंजूरी के लिए बधाई देता हूं, जिसे बाद में फॉर्मल तरीके से अपनाने के लिए महासभा को सौंपा जाएगा। डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि हम आज प्रस्ताव के साथ आए हैं और फिर से मजबूत करने और टीबी को खत्म करने की दिशा में तेजी लाने का प्रयास करेगा, जो एक हज़ार सालों पुरानी बीमारी है लेकिन आज भी दुनिया की पहली संक्रामक जानलेवा बीमारियों में से एक है।
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उन्होंने कहा कि मानव को चांद पर भेजने से लेकर दुनिया को अपनी उंगलियों पर लाने तक इतनी प्रोग्रेस के बावजूद, इस बीमारी को खत्म करने में क्यों असफल हैं। फ्रांसिस ने आगे कहा कि टीबी की महामारी गरीबी और पर्याप्त भोजन ने मिलने के कारण ही पनपती है और यह संघर्षों, क्लाइमेट चेंज और अन्य क्राइसिस होने पर बढ़ जाती है। कोविड 19 महामारी ने टीबी को खत्म करने की लड़ाई में सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इससे प्रभावित लोग, खासकर सबसे कमजोर लोगों पर भारी असर पड़ा है।
बीमारी को कम करने की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने संक्रमण के कुछ फेक्टर जैसे- गरीबी, अपर्याप्त भोजन, सेहत की देखभाल में कमी, एचआईवी संक्रमण, डायबिटीज, मेंटल हेल्थ और धूम्रपान से निपटने के लिए कदम उठाने की मांग की है। अमीना मोहम्मद ने कहा कि बीमारी से जुड़े कलंक को कम करने की जरूरत है ताकि लोगों को भेदभाव का सामना न करना पड़े ताकि बिना डर के मदद मिल सके और सरकारों को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को पूरे यकीन के साथ करना चाहिए जिसमें टीबी की जांच, रोकथाम और इलाज शामिल है।
दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी
अमीना मोहम्मद ने वैश्विक लड़ाई का समर्थन करने का अपना कारण भी साझा करते हुए कहा कि मेरा कमिटमेंट मेरी निजी कहानी है। 37 साल पहले मैंने अपने पिता को टीबी के कारण खो दिया था जो उस समय सिर्फ 50 साल के थे। उन्होंने आगे कहा कि टीबी को ख़त्म करना संभव है। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, फाइनेंशियल कमिटमेंट और एकजुटता की जरूरत है। यूनाइटेड नेशन सिस्टम सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। हमें मिलकर टीबी को हमेशा के लिए ख़त्म करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, अकेले 2021 में टीबी से लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई और कोविड महामारी के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी रही है।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
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