Stomach Cancer: पेट का कैंसर या गैस्ट्रिक कैंसर भारत में पांचवां सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है, जिसमें लगभग 60000 एनुअल नए मामले सामने आते हैं और इसके कारण सालाना लगभग 50000 मौतें होती हैं। पिछले दस सालों में, बेहतर क्लिनिकल ट्रायल, सर्जिकल तकनीकों और कीमोथेरेपी एजेंटों की वजह से पेट के कैंसर के मरीजों के लिए काफी सुधार हुआ है।
पेट की सेल्स के डीएनए में जेनेटिक बदलाव, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक एक सामान्य बैक्टीरिया जिसे एच. पाइलोरी (Helicobacter pylori) भी कहा जाता है, जो पेट में सूजन और अल्सर, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स की बीमारी (Gastroesophageal Reflux Disease), गैस्ट्रिटिस, एपस्टीन-बार वायरस संक्रमण (Epstein-Barr Virus), हाइपर एसिडिटी, ज्यादा धूम्रपान और नमक का सेवन, फल और सब्जियों का सेवन कम करना या पेट के अल्सर ये सभी पेट के कैंसर के कारण हो सकते हैं।
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5 मामूली लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- वजन घटना।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द रहना।
- खाना खाने के बाद बार-बार वोमिटिंग होना।
- खून के साथ वोमिटिंग होना (जो अक्सर कॉफी के रंग का हो सकता है)।
- काले रंग का मल होना।
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
- पेट का कैंसर महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में पाया जाता है।
- जो फल और सब्जियों का सेवन कम करते हैं, उनमें पेट का कैंसर होने का खतरा रहता है।
- अगर धूम्रपान का सेवन करते हैं, तो पेट में कैंसर के लक्षण दिख सकते हैं।
- वजन ज्यादा है तो भी पेट का कैंसर हो सकता है।
- सोडियम या ऑयली फूड का सेवन ज्यादा करते हैं, तो भी पेट में कैंसर हो सकता है।